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बिजली की बचत क्यों जरूरी है ? तथ्यों सहित जानें ।

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हम सब जानते हैं की हम सभी को बिजली की बचत करनी चाहिए मगर मगर यह प्रश्न उठना बड़ा ही स्वाभाविक है की आखिर क्यों दुनियाभर की सरकारें और संस्थाएं Energy Saving के लिए ज़ोर लगाती हैं । बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचतें हैं की अगर वो बिजली का बिल भर रहें है तो क्यों उन्हे बिजली बचाने के लिए कहा जाता है यह उनकी मर्जी है वो बिजली बचाएं या नहीं । पर यह पूरी तरह से गलत है। जो कोई भी इस लेख को एक बार पढ़ लेगा वो कभी नहीं बोलेगा की बिजली की बचत क्यों जरूरी है। आइए जानते है क्यों हम सब को बिजली का सदुपयोग करना चाहिए और क्यों इसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए ।

बिजली-की-बचत-क्यों-जरूरी-है

क्यों बिजली की बचत करनी चाहिए । Why To Save Electricity?

आपको यह जान कर हैरानी होगी बिजली की बचत करके न केवल हम अपनी गाढ़ी कमायी को बचा सकते है अपितु बिजली की बचत करना हर नागरिक का कर्तव्य है । क्योंकि आप तक तो बिजली पहुँच रही है उसके बनने से लेकर आप तक पहुचने के बीच हमारे देश के बहुत से संसाधन और खर्च होते है । और अधिकतर बिजली हमारे तक पहुँचने से पहले ही बर्बाद हो जाती है । क्या आप जानते हो कि 66% ऊर्जा तो बिजली बनाते समय ही पावर प्लांट में बर्बाद हो जाती है ?

आगे हम विस्तार से चर्चा करेंगे की क्यों बिजली की बचत करना जरूरी है पर पहले हमें बिजली कैसे बनती है और कैसे हमारे घरों तक पहुँचती है उसको समझना बहुत जरूरी है।

बिजली कैसे हमारे घरों तक पहुँचती है ?

बिजली का हमारें घरों तक पहुचने के मोटा-मोटी 3 चरण हैं । पहले चरण मैं Power Generation Companies जैसे की HPPTCL, NHPC, NTPC इत्यादि अपने पावर प्लांट में बिजली बनाती हैं।

दूसरे चरण में Electricity Transmission Companies जैसे की Power Grid उन पावर प्लांट्स से बिजली को बहुत ही High वोल्टेज पर अपनी transmission lines के जरिये दूर-दूर तक Substations तक पहुंचाती है।

तीसरे चरण में Electricity Distribution Company जैसे की HPSEBL Substation से आपके घरों तक बिजली को पहुंचाती हैं ।

Electricity generation to distribution

इन तीन चरणों में ही इतना Energy Loss हो जाता है कि आप सोच भी नहीं सकते। आइए जानते हैं कि कैसे बिजली से बनने से लेकर हमारे घरों तक पहुचने तक अधिकतर बिजली बर्बाद हो जाती है।

क्यों घरों तक पहुँचने से पहले ही अधिकतर बिजली बर्बाद हो जाती है ?

जैसा की हमें पता है बिजली को Power Generation Plant में बनाया जाता है और बिजली को बनने में जिस तरह का ईंधन का प्रयोग होता है उसके दो प्रकार होते हैं :

  1. पारंपरिक स्रोत (Conventional Source):
  2. अपरंपरागत स्रोत (Un-Conventional Source):

पारंपरिक स्रोत (Conventional Source) वह है जिसमे बिजली बनाने के लिए जीवाश्म जैसे कोयला , पेट्रोलियम प्रॉडक्ट, पेट्रोलियम gases और पानी (Hydro ) का प्रयोग किया जाता है और हम अच्छी तरह से जानते है कि यह पारंपरिक स्रोत (Conventional Source) हमारी धरती में असीमित नहीं है ।

अपरंपरागत स्रोत (Un-Conventional Source): अपरंपरागत ऊर्जा के स्रोत है जैसे कि हवा , सूर्य की रोशनी जिनका प्रयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है लेकिन भारत में इस स्त्रोत या योगदान बिजली बनाने में सिर्फ 30% है।

पहले चरण में Power Plants में बिजली के बनते समय कितनी ऊर्जा बर्बाद होती है ?

Enerdata की रिपोर्ट के अनुसार भारत में Power Generation Companies 75% कोयले की खपत करती हैं।

Coal Consumption

और Indian Central Electricity Regulatory Commission की रिपोर्ट के अनुसार भारत में तकरीबन 70% बिजली पारंपरिक संसाधनों से बनाई जाती है जिसमें भी 57% योगदान केवल जीवाश्म ईंधन का है ।

Electricity generation

तो आप समझ सकते है की भारत अभी तक भी बिजली बनाने के लिए जीवाश्म इंधनों पर कितना निर्भर है ।अगर हम ऐसे ही अंधाधुंध इन पारंपरिक ऊर्जा के संसाधनो का प्रयोग करते रहेंगे तो आने वाले समय में हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ भी नहीं बचेगा । दूसरा जीवाश्म ईंधन को जलाने से इसका बहुत ही बुरा प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। और पर्यावरण ही तो जीवन है ।

ऊपर से सोने पर सुहागा यह है की Enerdynamics की रिपोर्ट के अनुसार जीवाश्म ईंधन से बिजली बनाने वाले पावर प्लांट में बिजली बनाते समय ही 66% तक ऊर्जा बर्बाद हो जाती है । उदाहरण के लिए अगर समझे की एक पावर प्लांट बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल करता है और मान लेते है 100 किलो कोयला जलाने पर पावर प्लांट 100 यूनिट बिजली बनाएगा । लेकिन वास्तविकता में 100 किलो कोयला जलाने पर सिर्फ हमे 34 यूनिट ही बिजली मिलेगी क्योंकि वास्तव में 66% ऊर्जा जीवाश्म ईंधन के जलने में व्यर्थ हो जाती है । इस लिए बाकी बचे 66 unit बिजली बनाने के लिए हमे और कोयला जलाने की जरूरत पड़ेगी।

power loss during generation 1

Electricity Transmission और Distribution के चरण में कितनी बिजली बर्बाद होती है ?

आप को जान कर हैरानी होगी की कई सारे कारणो की वजह से बिजली के पावर प्लांट से निकलने के बाद आपके घर तक पहुचने के बीच तकरीबन 20% से 22 % बिजली बर्बाद हो जाती है कई सारे राज्यों में यह Electricity loss 40% से 50% तक है।

तो अब आपको बिलकुल साफ हो गया है की कई सारे तकनीकी करणों की वजह से अधिकतर बिजली आपके घर तक पहुचने से पहले ही बर्बाद हो जाती है । भारत सरकार ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार अगर 2 unit Power प्लांट में बनते हैं तो सिर्फ़ 1 unit ही हमारे घर तक पहुंचता है ।

one unit save

निष्कर्ष

जैसा की अब तक आप जान ही गए होंगे कि बिजली की बचत करना क्यों जरूरी है। लेकिन अगर संक्षेप में कहा जाए तो 2 मुख्य कारणों की वजह से बिजली की बचत करना बहुत जरूरी है । पहला तो यह है कि भारत में बिजली का उत्पादन तकरीबन 70% पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत पर निर्भर है और यह ऊर्जा के स्रोत बहुत ही सीमित है। यह पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत देश की धरोहर है जिन पर न सिर्फ़ हमारा बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भी अधिकार है । बिजली की बर्बादी का सीधा मतलब है अपने देश के संसाधनो की बर्बादी करना है ।

दूसरा कारण यह है कि हमारे घर तक पहुँचने से पहले ही कम से कम 50% बिजली की बर्बादी तकनीकी एवं अन्य कारणों की वजह से बर्बाद हो जाती है । अगर हम एक यूनिट बिजली बचायेगे तो वो एक यूनिट दूसरे के काम आयेगा और बिजली की डिमांड कम होगी जिससे संसाधनो पर बोझ भी कम होगा और हमारे पर्यावरण को नुकसान भी कम होगा।

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FAQs

बिजली का संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?

बिजली का संरक्षण कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह न केवल व्यक्तियों को उनके बिजली के बिल से पैसे बचाने में मदद करता है, बल्कि यह समाजिक जिम्मेदारी भी है। बिजली उत्पादन, प्रेषण, और वितरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संसाधनों का उपभोग और खर्च होता है। साथ ही, उपभोगकर्ताओं के घर तक पहुँचने से पहले ही उत्पन्न बिजली का बहुत हिस्सा बर्बाद हो जाता है।

बिजली हमारे घरों तक कैसे पहुँचती है?

बिजली हमारे घरों तक एक बहु-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से पहुँचती है। सबसे पहले, विद्युत उत्पादन कंपनियाँ बिजली को विद्युत उत्पादन संयंत्रों में उत्पन्न करती हैं। फिर, प्रेषण कंपनियाँ उच्च वोल्टेज पर बिजली को सबस्टेशन तक प्रेषित करती हैं। अंततः, वितरण कंपनियाँ सबस्टेशन से हमारे घरों तक बिजली को पहुँचाती हैं।

बिजली उत्पन्न के दौरान कितनी बिजली बर्बाद होती है?

बिजली उत्पन्न के दौरान विभिन्न पारंपरिक स्रोतों का उपभोग होता है जैसे कि कोयला, पेट्रोलियम उत्पाद, और गैसेस। खेद की बात है कि इन स्रोतों से उत्पन्न ऊर्जा का तकरीबन 66% भाग बर्बाद हो जाता है।

भारत में प्रेषण और वितरण के दौरान कितनी बिजली बर्बाद होती है?

भारत में प्रेषण और वितरण प्रक्रियाओं के दौरान लगभग 20% से 22% बिजली का बर्बाद होता है।

बिजली संरक्षण के अगर न किये जाने पर क्या होगा?

बिजली संरक्षण को ध्यान में न रखने से संसाधनों का अपव्यय, पर्यावरण की हानि, और राष्ट्रिय वित्तीय बोझ में वृद्धि होती है।

आम इंसान कैसे बिजली संरक्षण में योगदान कर सकते हैं?

सभी नागरिक बिजली संरक्षण में योगदान कर सकते हैं जैसे कि ऊर्जा कुशल उपायों का अपनाना, ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग, जरूरत न होने पर बिजली के उपकरणों को उपयोग न करना, और ऊर्जा बर्बादी को कम करना।

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