अगर आप हिमाचल में कोई नया बिजली का नया कनैक्शन लेना चाहते हैं या अपने बिजली के कनैक्शन का विद्युत लोड बढ़ाना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानकारी बहुत जरूरी है : हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (HPERC) ने अब 150 kW/kVA तक के बिजली कनैक्शन के लिए फिक्स रेट तय कर दिए हैं जिसे नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ से जाना जाता है । उम्मीद है की इससे अब अलग-अलग साइट विज़िट या अलग-अलग एस्टीमेट की जरूरत नहीं होगी और बिजली का कनैक्शन जल्दी मिलेगा । परंतु क्या इस से विद्युत कनैक्शन लेना और भी खर्चीला हो जाएगा ? आइये जानते हैं ।

जब भी हमें कोई नया विद्युत कनैक्शन लेते हैं तो हमें हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के नियमों के अनुसार उस विद्युत कनैक्शन की श्रेणी और विद्युत भार (Load) के हिसाब से आमूमन तीन तरह के शुल्क (Charges) चुकाने होते हैं । पहला है विद्युत सिक्योरिटी (ACD) , दूसरा है इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट चार्जेज (IDC) और तीसरा शुल्क है सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ (Service Connection Charges )। अगर आप नहीं जानते कि विद्युत सिक्योरिटी (ACD) , दूसरा है इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट चार्जेज (IDC) क्या होते है और किस तरह से उनकी गणना होती है तो उस पर पहले से हमने विस्तृत लेख लिखे हुए हैं जिनका लिंक सुविधा के लिए नीचे दिया है आप चाहे तो पढ़ सकते हैं :
जब भी नया विद्युत कनैक्शन दिया जाता है तो आपके परिसर तक विद्युत आपूर्ति पहुंचाने तक जो खर्चा आता है जैसे बिजली की तारें बिछाने , बिजली के पोल इत्यादि को लगाना और विद्युत उपकरण स्थापित करना उसका भुगतान उपभोक्ता द्वारा सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ ( Service Connection Charges) के रूप में विद्युत विभाग को करना पड़ता है ।
नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ क्या होता है ?
पहले जब 50 kW से ऊपर के बिजली के कनैक्शन की आवश्यकता होती थी तो विद्युत विभाग (एचपीएसईबीएल) के अधिकारियों के द्वारा साइट विज़िट की जाती थी और कनैक्शन देने के लिए जो भी तारें बिछानी हो या खंबे इत्यादि लगाने की आवश्यकता होती थी उसका अलग से एस्टीमटे (प्रांकलन) तैयार किया जाता था जिसका भुगतान उपभोक्ता को विद्युत कनैक्शन का आवेदन करने से पहले करना होता था ।
नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ का मतलब है तयशुदा औसत खर्च, जिससे:
- अब 150 kW तक के विद्युत कनैक्शन के लिए साइट विज़िट की जरूरत नहीं पड़ेगी
- फाइलिंग और मंजूरी में देरी नहीं होगी
- सभी के लिए पारदर्शी और समान दरें रहेंगी
नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ में बदलाव क्यों किया गया ?
भारतीय विद्युत मंत्रालय के अधिसूचित विद्युत उपभोक्ता अधिकार 2020 के सुझाव के अनुसार सरकार ने “Ease of Doing Business” को बढ़ावा देने के लिए यह नियम लाया गया है। अब HPSEBL (हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) द्वारा तयशुदा औसत खर्च (Normative Charges ) के हिसाब से सर्विस कनैक्शन का पैसा लेगा, यानी हर उपभोक्ता के लिए अलग से साइट विज़िट करके खर्च का एस्टीमटे नहीं लगाया जाएगा ।
2025 से पहले 50kW तक के कनैक्शन के लिए यह सुविधा थी, लेकिन अब इस नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ की सुविधा को बढ़ाकर 150 kW/kVA तक के विद्युत कनैक्शन के लिए कर दिया गया है।
नया बिजली का कनैक्शन लेने के लिए 2025-2026 में कितना नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ देना होगा ?
A) सिंगल फेज घरेलू कनैक्शन
अधिकतम लोड सीमा | न्यूनतम चार्ज (₹) | 10 kW के बाद प्रति kW |
20 kW तक | ₹2,368 | ₹237 |
उदाहरण : मान लीजिये आपने 15kW के घरेलू कनैक्शन के लिए आवेदन दिया है तो आपके पहले 10kW तक फ़िक्स्ड सर्विस चार्ज लगेंगे ₹2,368 और अगले 5kW के लिए ₹237 प्रीति kW के हिसाब से लगेंगे ₹2,368:
इसलिए आपके 15kW के घरेलू कनैक्शन के लिए कुल ₹3,553 (₹2,368 + (5 × ₹237)) के नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ का भुगतान करना पड़ेगा ।
B) सिंगल फेज (घरेलू के अलावा):
अधिकतम लोड सीमा प्रति kW/kVA | न्यूनतम चार्ज (₹) | 10 kW के बाद प्रति kW |
15 kW | ₹2,959 | ₹296 |
C) थ्री फेज LT सप्लाई
अधिकतम लोड सीमा प्रति kW/kVA | न्यूनतम चार्ज (₹) | 10 kW के बाद प्रति kW |
50 kW तक | ₹13,001 | ₹371 |
D) HT सप्लाई (11 kV):
अधिकतम लोड सीमा प्रति kW/kVA | न्यूनतम चार्ज (₹) | 100 kW के बाद प्रति kW |
150 kW तक | ₹4,34,937 | ₹4,349 |
E) HT सप्लाई (22 kV):
अधिकतम लोड सीमा प्रति kW/kVA | न्यूनतम चार्ज (₹) | 100 kW के बाद प्रति kW |
150 kW | ₹4,58,161 | ₹4,582 |
कोन सी परिस्थितियों में नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ नहीं लगेंगे :
कुछ निम्नलिखित परिस्थितियों में यह नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ नहीं लगेंगे :
- अगर गांव या इलाका अभी तक बिजली से जुड़ा नहीं हो (Not electrified) ।
- अगर फॉरेस्ट क्लियरेंस, रेलवे क्रॉसिंग या रोड क्रॉसिंग जैसी बाधाएं हों ।
- अगर Right of Way (RoW) की दिक्कतें हों ।
इन परिस्थियों में पुराने नियमों के तहत अलग से सर्विस एस्टिमेट दिया जाएगा संबन्धित कार्यवाही की जायेगी ।
अतिरिक्त लोड (Load Extension) लेने पर नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ कैसे लिए जाएंगे ?
- अगर कुल लोड 150 kW/kVA से कम या बराबर है तो नये लोड पर भी नॉर्मेटिव रेट ही लगेगा।
- अगर कुल लोड 150 kW/kVA से ज्यादा हो जाता है, तो नए लोड पर 3 गुना रेट लिया जाएगा ताकि लोग शुरू में कम लोड दिखाकर बाद में ज्यादा न जोड़ें।
क्या आगे भी यह नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ बढ़ेंगे ?
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (HPERC) द्वारा यह नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ 3 सालों के लिए( 31.03.2028) मान्य किए गए हैं परंतु हर साल इन में कुछ प्रतिशत की वृद्धि होगी जो निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जाएगी :
वार्षिक वृद्धि % =[{0.70 x WPI (n+1) /WPI (n) +0.3 x AICPIN (n+1) /AICPIN (n)} -1] x 100
और इसी फोर्मूले के हिसाब से वितवर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि दर 2.05% तय की गयी है ।
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निष्कर्ष :
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (HPERC) द्वारा नए नॉर्मेटिव सर्विस कनैक्शन चार्जेज़ परिभाषित करने से उम्मीद है कि अब नए बिजली के कनैक्शन मिलने में तेजी आएगी और अब हर प्रकार के लोड और वोल्टेज लेवल के लिए अलग-अलग चार्जेज़ तय कर दिए गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को पहले से अंदाज़ा रहेगा कि उन्हें कितना भुगतान करना होगा। साथ ही, साइट विज़िट या अलग-अलग एस्टीमेट की झंझट भी खत्म हो जाएगा ।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )
नॉर्मेटिव बिजली कनैक्शन चार्ज क्या होता है?
नॉर्मेटिव चार्ज एक निर्धारित शुल्क है जो बिजली कनेक्शन के लिए औसतन लागत के आधार पर तय किया जाता है, जिससे साइट विज़िट और एस्टीमेट की आवश्यकता नहीं होती।
हिमाचल में नये नॉर्मेटिव बिजली कनैक्शन चार्ज कब से लागू हुए हैं?
ये चार्ज 2025-26 से हिमाचल प्रदेश में लागू किए गए हैं, जिससे 150 kW/kVA तक के नए कनेक्शन के लिए प्रक्रिया सरल हो गई है।
क्या नॉर्मेटिव चार्ज सभी उपभोक्ताओं पर लागू होते हैं?
नहीं, ये चार्ज केवल उन मामलों में लागू होते हैं जहां क्षेत्र में बिजली उपलब्ध है और कोई विशेष बाधा (जैसे फॉरेस्ट, रेलवे क्रॉसिंग) नहीं है।
अतिरिक्त लोड जोड़ने पर नॉर्मेटिव चार्ज कैसे लागू होते हैं?
यदि कुल लोड 150 kW/kVA से कम है, तो नॉर्मेटिव रेट लागू होंगे। यदि लोड इससे अधिक है, तो अतिरिक्त लोड पर तीन गुना चार्ज लिया जाएगा।
क्या नॉर्मेटिव चार्ज हर साल बदलते हैं?
हाँ, ये चार्ज हर साल WPI और AICPIN के आधार पर संशोधित किए जाते हैं, जिससे दरों में 2.05% की वार्षिक वृद्धि होती है।