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जानें Load Kya Hota Hai और कितनी तरह का होता ? जानें और जुर्माने से बचें  😎

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नमस्कार पाठकों इस लेख में हम जाननें की कोशिश करेंगे कि (विधुत भार) Electrical Load Kya Hota Hai और यह कितने प्रकार का होता है । वैसे तो यह टॉपिक बहुत ही सरल है पर उतना ही जरूरी भी है । क्योंकि सही से इसके बारे में जानकारी न होने के कारण कई बार विद्युत विभाग के द्वारा भारी जुर्माने (penality) का सामना करना पड़ता है । इस लेख में हम विद्युत भार के बारे में HPSEBL के विभिन्न नियमों के आधार पर यह जानेंगे की विधुत भार क्या होता है यह Sanctioned load यानी स्वीकृत भार से अलग कैसे है।

Load Kya Hota Hai

आसान शब्दों में विद्युत भार या इलैक्ट्रिकल लोड वह कोई भी उपकरण होता है जो बिजली की खपत करता हो जैसा की बल्ब, पंखा, फ्रिज, TV इत्यादि। परंतु वास्तव में विद्युत वितरण कंपनियों के नियमों के अनुसार Electrical Load दो प्रकार का होता है Connected load और Sanctioned load (स्वीकृत विधुत भार )। आइए जानते हैं की दोनों में क्या अंतर होता है और किस load के कारण विद्युत विभाग जुर्माना लगता है ।

आइए जानने की कोशिश करते हैं की Connected load (कुल विद्युत भार) और Sanctioned load (स्वीकृत विद्युत भार) के बीच में क्या अंतर होता है ।

Connected Load (कुल विद्युत भार) क्या होता है ?

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद (HPSEBL) के Supply Code 2009 में परिभाषित Connected load की परिभाषा के अनुसार Connected Load (कुल विद्युत भार) उपभोक्ता के परिसर के वह सभी बिजली के उपकरण जो विद्युत वितरण कंपनी की लाइन से जुड़े हो उनका बिजली उपभोग करने की क्षमता का कुल योग होता है जिसका उपयोग एक साथ किया जा सकता है । और Connected Load को kW (Killowatt) में व्यक्त किया जाता है।

Connected-load-definition

सरल भाषा में आपके घर का Connected Load आपके घर में लगे सभी उपकरणो की विद्युत रेटिंग का कुल योग होता है चाहे आप उनको एक साथ उपयोग करते है या नहीं। अगर आपके घर में 6 कमरे हैं लेकिन 3 कमरे बंद भी हो और वहाँ बिजली का उपयोग ना भी हो रहा हो तब भी उनके बिजली के उपकरणो का लोड आपके कुल विद्युत भार में जोड़ा जाएगा। अधिकतर लोगों को यह गलतफहमी होती है कि उनके जीतने बिजली के उपकरण चल रहे होते है वही उनका connected load होता है जबकि ऐसा नहीं है।

Sanctioned Load (स्वीकृत विद्युत भार) क्या होता है ?

Himachal Pradesh State Electrity Board Limited (HPSEBL) के Supply Code 2009 में परिभाषित Sanctioned Load की परिभाषा के अनुसार Sanctioned load वह लोड होता है इसको विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आपको उपयोग करने के लिए स्वीकृत किया जाता है ।

Sanctioned-load-definition

सरल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं । मान लीजिये आपने एक नया घर बनाया है और उसके 3 कमरों का लोड 3kW है और अपने नए बिजली के connection का आवेदन करते समये 3 kW की test report विद्युत विभाग को दी और विभाग ने आपकी test report के आधार पर आपका 3kW लोड स्वीकृत कर नया बिजली का कनैक्शन दे दिया।

विभाग द्वारा आपको बिजली का कनैक्शन देते समय आपसे 3KW की security जमा कारवाई होगी और वही 3kW लोड आपका स्वीकृत लोड कहलाएगा।

आपका Connected Load (कुल विद्युत भार) और Sanctioned load (स्वीकृत विद्युत भार) में अंतर जानना क्यों जरूरी है ?

अगर आप विद्युत वितरण कंपनी के जुर्माने से बचना चाहते है तो आपको पता होना चाहिए की Sanctioned Load और Connected Load में क्या अंतर होता है । आइए ऊपर दिये उदाहरण से समझते हैं। ऊपर दिये गए उदाहरण में आपका स्वीकृत भार 3 kW है। मान लीजिये भाविष्य में अपने घर के 2 और नए कमरे बनाते हो उसमें लगे विद्युत उपकरणों का कुल लोड 2kW बनता है। पर भले ही दोनों कमरे बंद रहते हो और उनमें विधुत की कोई खपत न हो तब भी आपके पूरे घर का connected load 5kW (3 kW +2 kW ) माना जाएगा । जबकि आपका स्वीकृत लोड (sanctioned load) सिर्फ 3 kW है ।

इस सूरत में अगर विद्युत विभाग द्वारा आपके घर का निरीक्षण किया जाता है तो आपको भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है । क्योंकि HPSEBL की अधिसूचना क्रमांक HPSEB/CE(Comm.)Electy.Act-2003(notifications)/2011-12-20861-21170 दिनांक 19.03.2012 के अनुसार अगर आपका connected load, sanctioned load से 20% ज्यादा पाया जाता है तो इस तरह का offence Indian Electricity Act 2003 की धारा 126 के अंतर्गत Unauthorised use of Electricity (बिजली का अनधिकृत उपयोग) कहलाता है जिस पर भारी जुर्माने व सजा का प्रावधान है। अत: आपके घर/परिसर का sanctioned Load हमेशा connected load के बराबर होना चाहिए।

Section-126-unauthorized-use-of-electricity

मैं अपना Sanctioned Load (स्वीकृत विद्युत भार) कैसे पता कर सकता हूँ ?

अभी आप जान चुके हैं की Connected Load और Sanctioned load क्या होते हैं और दोनों का बराबर होना क्यों जरूरी है। अब आपके दिमाग में प्रश्न आ सकता है कि आप कैसे अपने बिजली के मीटर का sanctioned load पता कर सकते हैं।

अगर आप अपने बिजली के बिल को ध्यान से देखे तो आपको अपने बिजली के कनैक्शन /बिल का Sanctioned load बड़ी आसानी से मिल जाएगा। उदाहरण के लिए नीचे दिखाये गए बिजली के बिल में जो connected load दर्शाया गया है वही वास्तव में आपका sanctioned load है जिसे विभाग द्वारा आपके बिजली के कनैक्शन की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद स्वीकृत किया गया है ।

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वैसे क़ायदे से विद्युत विभाग को बिजली के बिल में इसे Connected load की जगह Sanctioned Load दर्शना चाहिए ।

अगर Connected Load, Sanctioned Load से अधिक हो तो क्या करें ?

अगर आपको लगता है कि आपका Connected Load आपके Sanctioned Load से ज्यादा है आपको अपने विद्युत उपमंडल से संपर्क कर Extension of Load का आवेदन करें और अपने सारे विद्युत Load को Regularized करें।

निष्कर्ष

हमें पूरा विश्वास है की इस लेख को पड़ने के बाद आप अच्छी तरह से जान गए होंगे कि Electricity Load kya hota hai और Connected Load (कुल विद्युत भार ) तथा Sanctioned Load (स्वीकृत विद्युत भार) में क्या अंतर होता है। हमारी कोशिश थी की हम तकनीकी दृष्ठि से ज्यादा HPSEBL के नियमों के आधार पर इस विषय को समझाएँ। हमें पूर्ण विश्वास है की आपको आज कुछ नया और दिलचस्प जानने को मिला होगा। हमसे कोई गलती हुई तो जरूर अवगत करवाएँ । आपको यह लेख कैसा लगा जरूर comment करें।

कृपया बताएं कि आपको हमारा लेख कैसा लगा? लेख की शुरुआत में स्टार रेटिंग देकर या टिप्पणी करके हमें बताएं, ताकि हम लगातार सुधार कर सकें। हमारी पोस्ट को शेयर करना और हिम विद्युत सारथी को सब्सक्राइब करना न भूलें!

FAQs

Connected Load क्या होता है?

डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से जुड़े हुए सभी उपकरण जो बिजली की खपत कर सकते हैं उनका कुल क्षमता, किलोवॉट (kW) में Connected Load कहलाता है ।

Sanctioned Load क्या होता है?

विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता द्वारा प्रयोग के लिए स्वीकृत लोड Sanctioned Load कहलाता है । आम तौर पर इसे एक TEST REPORT के आधार पर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा मंजूर किया जाता है।

अपने Sanctioned Load का पता होना क्यों जरूरी है?

क्योंकि अगर आपका Connected Load आपके Sanctioned Load से 20% अधिक पाया जाता है तो आपको इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 126 के तहत भारी जुर्माना लग सकता है।

अपना Sanctioned Load कैसे पता करें?

आपके बिजली के बिल में आपको sanctioned load अंकित मिल जाएगा।

क्या Connected Load Sanctioned Load से अधिक हो सकता है?

सा न हो तो अच्छा; अगर ऐसा होता है तो HPSEBL के नियमों के अनुसार आपको जुर्माना और विधिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।

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