आजकल बिजली के बिना ज़िंदगी की कल्पना करना मुश्किल है ना? बिजली हमारी ज़रूरतों का अहम हिस्सा बन चुकी है। मगर, कई बार हमें बिजली से जुड़ी सेवाओं में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि इन दिक्कतों से निपटने के लिए हमारे पास कुछ अधिकार भी हैं? जी हाँ, ‘विद्युत उपभोक्ता अधिकार’ – यानी ऐसे अधिकार जो हर बिजली उपभोक्ता को उसकी सेवा और सुरक्षा की गारंटी देते हैं। परंतु यह भी सच है की विद्युत अधिकारों के साथ-साथ हर नागरिक की कुछ विद्युत जिम्मेदारियाँ भी होती हैं । इसलिए दोनों का ज्ञान हर किसी को होना चाहिए क्योंकि “ज्ञान ही हर समस्या के समाधान की कूंजी होती है“। तो चलिए, जानते हैं आपके इन अधिकारों के बारे में, जो आपको सशक्त और जागरूक बनाएँगे ।
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 176 के तहत सरकार द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 बनाए हैं । जिसमें हर नागरिक को कुछ विशेष अधिकार दिये गए हैं ताकि हरेक नागरिक भरोसेमंद ,सुरक्षित और पारदर्शित विद्युत सेवाएँ प्राप्त कर सकें ।
आपको एक विद्युत उपभोक्ता होने के नाते इन अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए । चलिये जानते है एक विद्युत उपभोक्ता के तौर पर आपके पास कोन –कोन से अधिकार हैं ।
बिजली पाने का अधिकार (Right to Supply) :
क्या आप जानते हैं हर उपभोक्ता को बिजली की मांग करने का अधिकार है ? चाहे आपको अपने घर के लिए बिजली का नया कनैक्शन चाहिए या फिर अपने व्यवसाय के लिए। विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार आपको अधिकार है कि आप इस सेवा कि मांग कर सकते हैं और वितरण लाइसेंसी कंपनियों को बिजली कि आपूर्ति करनी होगी । इसलिए सरकारें देश के हर कोने तक बिजली पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएँ चलाती हैं जैसे हर घर बिजली योजना ।
गुणवत्तापूर्ण बिजली पाने का अधिकार (Right to Quality Electricity):
हर उपभोक्ता को अधिकार है कि उसको अच्छी गुणवत्ता वाली और भरोसेमंद बिजली निर्धारित मानकों के अनुसार मिले । जैसे कि आपको बिजली सही वोल्टेज के साथ मिलने का अधिकार है। इसलिए वोल्टेज की अस्थिरता की शिकायत की जा सकती है ।
समयबद्ध बिजली सेवा पाने के अधिकार (Minimum Standards of Service):
यह आपका एक महत्वपूर्ण विद्युत उपभोक्ता अधिकार जिसके अनुसार कोई भी विद्युत सेवा जैसे कि नया कनैक्शन लेना, कनैक्शन कटवाना , कनैक्शन दोबारा जुडवाना इत्यादि सेवाओं को समयबद्ध प्राप्त करना आपका अधिकार है । अकारण अगर कौई विद्युत सेवा प्रदान करने में देरी की जाती है तो विद्युत वितरण कंपनियों को उपभोक्ता को मुआवज़ा देना होगा ।
पारदर्शी बिलिंग का विद्युत उपभोक्ता अधिकार (Transparent Billing Right )
हर उपभोक्ता का अधिकार है उसको बिजली के बिल पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से मिले । यह उसका अधिकार है कि बिजली के बिल में विद्युत खपत के साथ -साथ में सभी शुल्कों जानकारी अंकित हो । उपभोक्ता का अधिकार है कि उसको बिजली का बिल उसकी वास्तविक मीटर रीडिंग के आधार पर मिले और बिजली के बिल के भुगतान के लिए कम से कम 10 दिनों की मोहलत मिले । हर उपभोक्ता को बिलिंग और बिजली बिल के भुगतान की प्रक्रिया जानने का अधिकार है ।
शिकायत निवारण का अधिकार (Right to Grievance Redressal):
हर उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करवाने और उसके निवारण का अधिकार है और साथ में उपभोक्ता को शिकायत निवारण की प्रक्रिया जानने का अधिकार है । बिजली वितरण कंपनियों को उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (CGRF) स्थापित करना अनिवार्य है, जहां उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुना और हल किया जाये । चाहे समस्या छोटी हो या बड़ी, आपकी बात का निवारण जल्दी और सही तरीके से किया जाना चाहिए ।
जानकारी प्राप्त करने का अधिकार (Right to Access the Information):
यह एक और आपका महवपूर्ण विद्युत उपभोक्ता अधिकार है जिसके अनुसार हर उपभोक्ता को सभी तरह की विद्युत सेवाओं व बिजली की दरें, सेवा मानक की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है । उपभोक्ता को नया कनैक्शन लेने, कनैक्शन कटवाने , विद्युत लोड बढ़वाने, विद्युत श्रेणी बदलवाने, विद्युत कनैक्शन का नाम बदलने और दोबारा बिजली के कनैक्शन को जुड़वाने जैसे सारी प्रक्रियाओं की जानकारी लेने का अधिकार है ।
यह जानकरियाँ हर बिजली वितरण कंपनी को उसकी की वेबसाइट पर या अन्य संचार चैनलों के माध्यम से आसानी से उपलब्ध करवानी होगी।
मीटरिंग का विद्युत उपभोक्ता अधिकार(Right to Metering):
हर बिजली के कनैक्शन के लिए मीटर का लगाया जाना अनिवार्य है परंतु इसे चुनना आपका अधिकार है । आपको अधिकार है कि आप अपना परीक्षण किया गया मीटर मीटर खुद खरीद सकते हैं या वितरण कंपनी से प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके परिसर में लगा बिजली का मीटर सही है या नहीं । संदेह होने पर चैक मीटर लगवाने का उपभोक्ता का अधिकार है ।
सेवा में विफलता पर मुआवजा पाने का अधिकार (Compensation for Service Failures)
अगर बिजली वितरण कंपनियाँ अपनी विद्युत सेवाएँ समयबद्ध या मानकों के अनुसार देने में असमर्थ रहती हैं तो उपभोक्ता को मुआवजा पाने का पूरा अधिकार है । हर तरह की विद्युत सेवा के लिए नियामक आयोग द्वारा समय सीमा निर्धारित है और समय पर व मानकों के अनुसार ही बिजली वितरण कंपनियों को उपभोक्ताओं को विद्युत सेवाएँ प्रदान करनी होगी ।
उपभोक्ता का उत्पादक होने का अधिकार (Prosumer Right):
विद्युत उपभोक्ता अधिकारों में यह नया अधिकार है जिसके अनुसार कोई नागरिक उपभोक्ता होने के साथ-साथ उत्पादक भी हो सकता है। प्रोसुमर (Prosumer) वो वह उपभोक्ता होता हैं जो सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से अपनी बिजली खुद पैदा करते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भी भेजते हैं , जिससे वह सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि बिजली के उत्पादक भी बन जाते हैं । पीएम सूर्या घर योजना के तहत कोई भी अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकता है जिसके लिए सरकार द्वारा अच्छी ख़ासी सब्सिडि भी मिलती है ।
24/7 बिजली की उपलब्धता का अधिकार :
हर उपभोक्ता का अधिकार है कि उसे 24/7 बिजली की आपूर्ति मिले इसके साथ-साथ उसका यह भी अधिकार है की पूर्वनिर्धारित शट डाउन की सूचना कम से कम 24 घंटे से पहले मिले ।
अन्य: विद्युत उपभोक्ता अधिकार:
- उपभोक्ता को धन वापसी का अधिकार है यानि अगर किसी विद्युत सेवा के लिए उपभोक्ता द्वारा ज्यादा धन लिया गया है तो उसको अधिकार है कि उसके द्वारा दिया गया अतिरिक्त धन उसको समयबद्ध तरीके से वापिस मिले ।
- उपभोक्ता को रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने का अधिकार है और सोलर नियमों को जानने का अधिकार है ।
- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए अलग कनेक्शन बिजली कनैक्शन लेने का अधिकार ।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर विद्युत सेवाएँ प्राप्त करने का अधिकार है । वृद्ध उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए, वितरण कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी आवश्यक सेवाएं, जैसे आवेदन जमा करना और बिल भुगतान, वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर पर प्रदान की जाएं। इससे वरिष्ठ नागरिकों को कार्यालय जाने या जटिल डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे उनकी सुविधा सुनिश्चित की जाती है।
- विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 के तहत बिजली काटने से पहले उपभोक्ता को न्यूनतम 15 दिन का नोटिस देना उपभोक्ता का अधिकार है ।
विद्युत उपभोक्ता अधिकारों की बात हो चुकी अब चर्चा करते हैं विद्युत उपभोक्ता की जिम्मेदारियों का जिनको जानना भी जरूरी है ।
बिजली उपभोक्ताओं की जिम्मेदारियाँ:
हर बिजली उपभोक्ता की कुछ व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियाँ होती हैं। उपभोक्ताओं की कुछ मुख्य जिम्मेदारियाँ इस प्रकार हैं:
- हर उपभोक्ता को समय पर अपने पूरे बिजली बिल का भुगतान करना चाहिए। इससे बिलिंग और बकाया राशि से जुड़ी शिकायतें काफी हद तक कम हो सकती हैं।
- आपको अपने घर या अन्य जगह की वायरिंग सिर्फ लाइसेंस प्राप्त इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टर से करवानी चाहिए और हर पांच साल में इसकी जांच भी करवानी जरूरी है। इससे गलत वायरिंग से होने वाले हादसों को टाला जा सकता है।
- बिजली मीटर को ऐसी जगह लगवाएं, जहां से मीटर रीडर को आसानी से रीडिंग लेने में कोई दिक्कत न हो।
- अगर उपभोक्ता लंबे समय के लिए घर से बाहर जाने वाला है और इस दौरान मीटर रीडिंग नहीं हो पाएगी, तो बिजली वितरण कंपनी को पहले से इसकी जानकारी दे दें। इससे बिजली कटने की संभावना कम हो जाएगी।
- उपभोक्ता के घर या प्रॉपर्टी पर लगे बिजली मीटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। यह सुनिश्चित करें कि मीटर सुरक्षित रहे।
- बिजली मीटर से किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना कानूनन अपराध है।
- बिजली मीटर और घर की वायरिंग में उचित अर्थिंग होनी चाहिए।
- कनेक्टेड लोड हमेशा स्वीकृत लोड के दायरे में होना चाहिए। अगर ज्यादा लोड चाहिए, तो इसके लिए बिजली कंपनी से अनुमति लेनी होगी।
- बिजली का उपयोग सिर्फ उस काम के लिए करें जिसके लिए कनेक्शन लिया गया है। उदाहरण के लिए, घरेलू कनेक्शन को व्यावसायिक काम के लिए इस्तेमाल करना अवैध है।
- एक जगह का कनेक्शन दूसरी जगह के लिए इस्तेमाल न करें। जैसे, अपने कनेक्शन से किसी और को बिजली देना।
- बिना मीटर के बिजली का उपयोग बिजली चोरी माना जाता है। अगर आपको कहीं इस तरह की गतिविधि दिखे, तो तुरंत बिजली वितरण कंपनी को सूचित करें।
- बिजली का सही और सावधानी से उपयोग करें और हर संभव कोशिश करें कि बिजली की बचत हो।
- बिजली वितरण कंपनी की संपत्ति को नुकसान न पहुँचाएं और अगर कहीं नुकसान होते देखें, तो उसे रोकने की कोशिश करें।
- अगर आप वितरण कंपनी की सेवा से असंतुष्ट हैं, तो उचित तरीके से शिकायत दर्ज कराएं। किसी भी स्थिति में गाली-गलौच या हिंसा का सहारा न लें और न ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाएं।
- अपने क्षेत्र में उपभोक्ता संगठनों की जानकारी रखें और जरूरत पड़ने पर उनसे सलाह लें और उनके काम में सहयोग करें।
- अपने इलाके में उपभोक्ता शिकायत केंद्रों और टोल-फ्री नंबर की जानकारी रखें ताकि कोई भी समस्या हो, तो तुरंत शिकायत दर्ज करवा सकें। उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम की सेवाओं का भी जब जरूरत हो, लाभ उठाएं और अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दें।
- हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई में भाग लें और उपभोक्ताओं के सुझाव आयोग तक पहुँचाएं।
- साथ ही, उपभोक्ताओं को यह भी समझना चाहिए कि वितरण कंपनी को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे, कई बार स्थानीय प्रशासन से सड़क खोदने या ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए समय पर मंजूरी न मिलना।
निष्कर्ष:
आखिरकार, इस लेख में हमने जाना कि बिजली उपभोक्ता के तौर पर हमारे पास न केवल कई विद्युत उपभोक्ता अधिकार हैं, बल्कि कुछ जिम्मेदारियाँ भी हैं। यह ज़रूरी है कि हम अपने अधिकारों को जानें और समय-समय पर उनका इस्तेमाल करें ताकि हमें बिना किसी परेशानी के बेहतर सेवाएँ मिल सकें। साथ ही, अपनी जिम्मेदारियों को निभाकर हम एक बेहतर उपभोक्ता बन सकते हैं, जिससे बिजली व्यवस्था में सुधार होगा और सभी को इसका फायदा मिलेगा। याद रखें, जागरूक उपभोक्ता ही सशक्त उपभोक्ता होता है ।
लेख स्त्रोत : Electricity (Rights of Consumers) Rules 2020 , HPSEBL Revised Sales Manual
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
क्या मैं अपने घर के लिए बिजली का कनेक्शन लेने का हकदार हूँ?
हाँ, हर नागरिक को बिजली कनेक्शन लेने का अधिकार है। विद्युत अधिनियम 2003 के तहत आप अपने घर या व्यवसाय के लिए बिजली की मांग कर सकते हैं, और नियमानुसार वितरण कंपनी को यह सेवा प्रदान करनी होगी।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया क्या है?
उपभोक्ता को शिकायत निवारण का अधिकार प्राप्त है। आप बिजली वितरण कंपनी के उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (CGRF) में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी, आपकी शिकायत का समाधान जल्दी और सही तरीके से किया जाना चाहिए।
क्या मैं अपने बिजली मीटर को खुद से खरीद सकता हूँ?
जी हाँ, आपको अधिकार है कि आप अपने बिजली मीटर को खुद खरीद सकते हैं या वितरण कंपनी से प्राप्त कर सकते हैं। मीटर सही काम कर रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने का भी अधिकार उपभोक्ता के पास है।
क्या सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा करना कानूनी है?
जी हाँ, आप सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बिजली पैदा कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भेज सकते हैं। यह आपके “प्रोसुमर” होने के अधिकार का हिस्सा है।
अगर बिजली कंपनी ज्यादा चार्ज करती है तो क्या मुझे रिफंड मिलेगा?
आपको अधिकार है कि अगर बिजली कंपनी ने आपसे किसी सेवा के लिए ज्यादा पैसे वसूल किए हैं, तो वह अतिरिक्त राशि आपको वापस की जाएगी। इसके लिए आप कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।
क्या मुझे 24/7 बिजली सेवा मिलनी चाहिए?
हाँ, हर उपभोक्ता को 24/7 बिजली की आपूर्ति का अधिकार है। यदि आपूर्ति में कोई रुकावट होती है, तो वितरण कंपनी को आपको समय से पूर्व इसकी सूचना देनी होगी।
अगर मेरे घर की वायरिंग गलत है, तो क्या यह मेरी जिम्मेदारी है?
हाँ, आपकी जिम्मेदारी है कि आपके घर की वायरिंग सही हो और इसे केवल लाइसेंस प्राप्त इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टर से ही करवाएं। यह सुनिश्चित करना भी आपकी जिम्मेदारी है कि मीटर सुरक्षित रहे और उसकी देखरेख सही तरीके से हो
अगर मुझे बिजली का गलत उपयोग होते हुए दिखे तो क्या करना चाहिए?
अगर आप कहीं पर बिजली चोरी या बिजली का गलत उपयोग होते हुए देखें, तो आपको तुरंत अपनी बिजली वितरण कंपनी को सूचित करना चाहिए। यह कानून का उल्लंघन है और इसकी जानकारी देना आपकी जिम्मेदारी है।
बिजली उपभोक्ता की मुख्य जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
आपकी मुख्य जिम्मेदारियाँ हैं समय पर बिजली बिल का भुगतान करना, वायरिंग की सही देखभाल करना, और बिजली का सही उपयोग करना।
अगर बिजली मीटर में गड़बड़ी हो तो क्या कर सकता हूँ?
आपको मीटरिंग का अधिकार है, यानी आप मीटर की जाँच करवा सकते हैं। अगर मीटर में कोई गड़बड़ी है, तो आप चेक मीटर लगवाने की मांग कर सकते हैं।
प्रोसुमर क्या होता है?
प्रोसुमर वह होता है उपभोक्ता होने के साथ-साथ विद्युत उत्पादक भी हो । जो अपनी बिजली सौर ऊर्जा से बनाए भी और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भी भेजे । प्रोसुमर बनने का भी उपभोक्ता को अधिकार है।
विद्युत उपभोक्ता अधिकार क्या हैं?
विद्युत उपभोक्ता अधिकार वे अधिकार हैं जो भारत सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को प्रदान किए गए हैं ताकि उन्हें भरोसेमंद, सुरक्षित, और पारदर्शी बिजली सेवाएँ मिल सकें। ये अधिकार उपभोक्ताओं को बिजली सेवाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान दिलाने में मदद करते हैं
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