हिमाचल प्रदेश में जल्दी ही आपको अपने बिजली के बिल में 2 नये शुल्क देखने को मिल सकते हैं, जो है मिल्क सेस और पर्यावरण सेस। जिससे आने वाले दिनों में बिजली के बिल बढ़ेंगे । क्योंकि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक 2024 को विधानसभा में पेश किया है । जिसमें सरकार ने 10 पैसे प्रति यूनिट खपत पर मिल्क सेस लगाने का निर्णय लिया है और साथ में पर्यावरण शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है । आइये जानते हैं क्यों हिमाचल सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है और किस विद्युत श्रेणी के उपभोक्ताओं को कितना शुल्क लगेगा ।
“मिल्क सेस”(Milk Cess ) हिमाचल सरकार द्वारा हाल ही में पेश किया गया एक नया शुल्क है, जिसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है । इससे मिलने वाले राजस्व का उपयोग राज्य में दूध उत्पादकों की सहायता और उनके हितों की रक्षा के लिए किया जाएगा। परन्तु खास बात यह है कि अगर आपके बिजली बिल की खपत शून्य है, तो यह सेस बिजली के बिलों में नहीं लगाया जाएगा । मिल्क सैस 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली की खपत पर लगेगा।
पर्यावरण सेस क्या है ?
हिमाचल में मिल्क सैस के साथ- साथ औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर अब पर्यावरण सैस भी लगेगा । इससे मिलने वाले राजस्व का उपयोग बिजली उत्पादन को रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से बढ़ाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए किया जाएगा। परंतु ध्यान रहे यह सैस औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के साथ -साथ अस्थायी विद्युत कनैक्शन और स्पेशल कैटेगरी के विद्युत कनैक्शन पर भी लगेगा । विवरण नीचे है
क्रमांक | विद्युत श्रेणी | पर्यावरण शुल्क |
1 | छोटे उद्योग | 2 पैसे प्रति यूनिट |
2 | मध्यम उद्योग | 4 पैसे प्रति यूनिट |
3 | बड़े उद्योग | 10 पैसे प्रति यूनिट |
4 | कमर्शियल उपभोक्ता | 10 पैसे प्रति यूनिट |
5 | अस्थाई कनेक्शन | 2 रुपये प्रति यूनिट |
6 | स्टोन क्रेशर | 2 रुपये प्रति यूनिट |
7 | इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन | 6 रुपये प्रति यूनिट |
हिमाचल सरकार ने क्यों उठाया मिल्क सेस और पर्यावरण सेस लगाने का कदम ?
हिमाचल प्रदेश इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है, और राज्य सरकार को अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे फैसले लेने पड़ रहे हैं। पिछली सरकार ने जहां 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, वहीं कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। लेकिन इस वादे को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। अब सरकार बिजली पर मिल्क सेस और पर्यावरण सेस लगाकर अपने वित्तीय बोझ को हल्का करने की कोशिश कर रही है
समाचार स्त्रोत : ETV Bharat
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