जब भी हम बिजली का नया कनैक्शन लेते हैं, तो हमें बाकी शुल्क के साथ विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा करवाना पड़ता है जिसे एडवांस कंजप्शन डिपोजिट (ACD) भी कहा जाता है । परंतु आपको यह जान कर आश्चर्य हो सकता है कि अगर आपका बिजली का कनैक्शन पुराना हो , तब भी आपसे दोबारा सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जा सकता है, जिसे एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट कहा जाता है । कभी न कभी आपको भी एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट करने के लिए विभाग से नोटिस मिला होगा। इसलिए आज इस विषय में आपके सारे संदेह/सवालों का जबाब मिलेगा जैसे कि विद्युत विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है, और क्यों जब कनैक्शन लेते समय जब इसका भुगतान पहले किया जा चुका है तो बाद में फिर से आपसे क्यों एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट करने के लिए कहा जाता है, और भी बहुत कुछ ।
हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद (HPSEBL) द्वारा उपभोक्ता से दो तरह की सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जा सकता है एक कहलाता है प्रारम्भिक सिक्योरिटी डिपॉजिट और दूसरा कहलाता है एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट ।
आइए विस्तार से जानते हैं दोनों में क्या अंतर होता है ? क्यों एक उपभोक्ता को इसको देना होता है ? अगर समय पर इनका भुगतान न किया जाए तो विद्युत विभाग द्वारा क्या कार्यवाही ही जा सकती है ।
प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट (Initial Security Deposit) को एडवांस कंजप्शन डिपोजिट (ACD) भी कहा जाता है, और भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47 के तहत हर उपभोक्ता को इसका भुगतान तब करना होता है जब भी कोई नया विद्युत कनैक्शन लेता है । इसको हिन्दी में प्रतिभूति जमा राशि भी कहा जाता है ।
उपभोक्ता को विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियमों अनुसार करना होता है ।
प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट लेने का क्या कारण है ?
हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (HPERC) के नियमों अनुसार हर उपभोक्ता को हमेशा विद्युत विभाग के पास उतनी राशि जमा रखनी होगी, जितनी उसके बिलिंगचक्र (Billing Cycle) के अनुसार उसके मासिक विद्युत खपत के बराबर हो। ताकि अगर उपभोक्ता का बिजली का कनैक्शन कट जाए तो इस विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट से बिजली के बिल की बकाया राशि की वसूली की जा सके ।
“प्रीपैड बिजली के मीटर के लिए किसी भी प्रकार की विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं लिया जा सकता”
प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी का किन दरों पर भुगतान किया जाता है ?
जब बिजली के नए कनैक्शन का आवेदन किया जाता है तो उसकी होने वाली खपत का अंदाजा नहीं होता इसलिए सिंगल पार्ट उपभोक्ता से उनके कुल विद्युत लोड (प्रति kW) के आधार पर और टू पार्ट उपभोक्ता से उनके कांट्रैक्ट डिमांड (प्रति KVA) ((HPERC(Security Deposit) 2005 के 3 जुलाई 2020 के संशोधन के अनुसार)) के आधार पर प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी HPERC के नियमों अनुसार फ्लैट दरों से ली जाती है ।
“HPERC(Security Deposit) 2005 के 3 नवंबर 2011 के संशोधन के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों से घरेलू कनैक्शन के लिए 50% प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी ली जाएगी “
विद्युत सिक्योरिटी की फ्लैट दरें तीन चीजों पर आधारित होती हैं :
- बिजली के कनैक्शन की कैटेगरी जैसे घरेलू, कमर्शियल, अस्थायी इत्यादि ।
- बिलिंग चक्र जैसे मासिक , द्वि मासिक इत्यादि ।
- आपके विद्युत उपमंडल किस क्षेत्र के अंतर्गत आता है जैसे सुदूर क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र ।
अगर आप वर्तमान 2024-2025 की प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी दरें जानना चाहते हैं तो नीचे दिया लेख पढ़ सकते हैं :
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विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान कितने तरीकों से किया जा सकता है ?
विद्युत सिक्योरिटी (ACD) का भुगतान कुल चार तरीकों से किया जा सकता है :
- नगद (Cash)
- डिमांड ड्राफ्ट (DD)
- इलेक्ट्रॉनिक मोड़ जैसे UPI, Net Banking ,RTGS (( HPERC(Security Deposit) 2005 के 9 जुलाई 2021 के संशोधन अनुसार) )
- बैंक गारंटी (Bank Guarantee)
बैंक गारंटी (Bank Guarantee) के रूप में कब विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान किया जाता है ?
HPERC(Security Deposit)2005 के 3 जुलाई 2020 के संशोधन के अनुसार अगर विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट की देय राशि 25 लाख से अधिक हो तो उसका भुगतान बैंक गारंटी के रूप में (जिसकी वैधता कम से कम 3 साल की हो) करना अनिवार्य है ।
इसमें ध्यान रखने वाली यह बात है कि HPERC(Security Deposit)2005 के 28 नवम्बर 2015 के संशोधन के अनुसार उपभोक्ता को अपनी बैंक गारंटी की वैधता के समाप्त होने के कम से कम 60 दिनों से पहले इसको फिर से कम से कम 3 सालों के लिए इसे आगे बढ़ाना (Renew) करना होगा ।
“ध्यान रहे अगर उपभोक्ता ऊपर बताई गयी तय समय अवधि के अंदर अपनी बैंक गारंटी का नवीकरण (Renew) करने में असमर्थ रहता है तो उसे उस बैंक गारंटी की पूरी राशि को डिमांड ड्राफ्ट या एलेक्ट्रोनिक माध्यम से विद्युत उपमंडल में जमा करवाना पड़ेगा और अगले 3 सालों के लिए वह इस बैंक गारंटी की सुविधा प्राप्त नहीं कर सकता”
अगर उपभोक्ता समय पर अपनी बैंक गारंटी का नवीनीकरण नहीं करता तो विद्युत विभाग उसकी की वैधता समाप्त होने के 30 दिनों से पहले उस बैंक गारंटी एनकैश (encash) करवा सकता है ।
विद्युत विभाग में जमा अपनी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि का पता कैसे करें ?
आपके मन में यह प्रश्न आ सकता है कि आपके बिजली के मीटर की कितनी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट विभाग के पास जमा है ? उसका पता कैसे करें। इसको पता करने का सबसे आसान तरीका है आपको मिलने वाला बिजली का बिल । आपके बिजली के बिल में आपकी कितनी विद्युत सिक्योरिटी विभाग के पास जमा है उसका विवरण हमेशा अंकित रहता है ।
आपका बिजली का बिल कई भागों में विभाजित होता है जिसमें आपकी विद्युत खपत के साथ-साथ और भी बहुत जी जरूरी जानकरियाँ अंकित रहती हैं । जैसे नीचे दी गयी फोटो में उदाहरण के लिए दर्शाया गया है आपके बिजली के बिल में एक “Interest Details “ का भाग होता है उसमें आपको अपनी जमा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट का विवरण आसानी से मिल जाएगा ।
एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या है और क्यों लिया जाता है ?
हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 6 के तहत उपभोक्ता से एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट लेने का प्रावधान है ।
हम पहले भी बता चुके हैं कि हर उपभोक्ता को हमेशा विद्युत विभाग के पास अपने औसत मासिक विद्युत खपत की राशि सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में रखनी पड़ती है । जब नया कनैक्शन लिया जाता है तो उस समय उसकी बिजली खपत कितनी होगी इसका अंदाजा लगना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए उस समय फ्लैट दरों से उपभोगता से प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाता है ।
जब आपका विद्युत कनैक्शन चालू को जाता है तो हो सकता है आपकी बिजली की औसत मासिक खपत आपकी जमा की गयी प्रारम्भिक विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट से ज्यादा हो, तो आपसे एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट करने की मांग की जाती है । उदाहरण के लिए मान लीजिये आपके बिजली के मीटर की 500/- रुपेय विद्युत सिक्योरिटी विभाग के पास जमा है परंतु आपके अगर पूरे साल के बिजली के बिलों का मासिक औसत निकाला जाए तो वह 1500/- रुपेय बनता है तब आपसे विभाग द्वारा 1000/- रुपेय (1500-500) की एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की मांग की जाएगी ।
अगर किसी उपभोक्ता की पूरे साल की औसत मासिक बिजली के खपत उसकी पहले से जमा कारवाई गयी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट से कम है तो उनसे एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की मांग नहीं की जा सकती ।
कितनी बार विद्युत विभाग द्वारा एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की मांग की सकती है ?
हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के 9 जुलाई 2021 के संशोधन के अनुसार विद्युत विभाग को हर साल दिसंबर माह की पहली तारीख से अपने अपने सभी उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी डिपॉजिट की समीक्षा उनके समीक्षा तिथि से ठीक पिछले 12 माह के जारी बिजली बिलों की राशि के औसत (3 जुलाई 2020 के संशोधन के अनुसार) के आधार पर करनी होती है ।
अत: नियमों अनुसार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सभी उपभोक्ताओं की जमा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट की समीक्षा करना विद्युत विभाग को अनिवार्य है । इसलिए अगर हर साल आपकी अगर विद्युत औसत मासिक बिजली की खपत बढ़ रही है तो गणना के अनुसार आपसे हर साल एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की मांग की जा सकती है ।
इसके अलवा जब आप कभी अपने मौजूदा बिजली के कनैक्शन के विद्युत लोड या कांट्रैक्ट डिमांड (Contract Demand ) को बढ़ाने का आवेदन करते हैं तब भी अतिरिक्त बड़े हुए लोड/डिमांड के अनुसार आपको एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करवाना होता है ।
कब उपभोक्ता से एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की माँग नहीं की जा सकती ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के 3 जुलाई 2020 के संशोधन के अनुसार विभाग की समीक्षा में किसी उपभोक्ता की मौजूदा सिक्योरिटी डिपॉजिट में कमी अगर 500/- रुपेय से कम पायी जाती है तो उनसे एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की माँग नहीं की जा सकती।
क्या किश्तों में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान किया जा सकता है ?
अगर एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट की माँगी गयी राशि ज्यादा है तो, HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के 9 जुलाई 2021 के संशोधन के अनुसार विभाग की अनुमति से चार बराबर तिमाही किस्तों (four equal quarterly installments) में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान किया जा सकता है परंतु उपभोक्ता को पहली किस्त का भुगतान पहला डिमांड नोटिस जारी होने के 60 दिनों के भीतर करना होगा ।
एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान न करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा सकती है ?
हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 6 के अनुसार विद्युत विभाग एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं पर 2 तरह की कार्यवाही कर सकता है :
- HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 6 के भाग 3 के अनुसार अगर उपभोक्ता एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट के पहला डिमांड नोटिस जारी होने के 30 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करता है तो भुगतान में देरी होने पर उपभोक्ता को उस डिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि पर 12% प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज (Surcharge) देना होगा।
- HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 6 के भाग 4 के अनुसार विद्युत विभाग को अधिकार है कि अगर कोई उपभोक्ता मांगी गयी एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान नहीं करता है तो वह बिना किसी और नोटिस के उसकी विद्युत आपूर्ति काट सकता है ।
क्या विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट पर कोई ब्याज मिलता है ?
जी हाँ , HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 7 के अनुसार विद्युत विभाग को उनके पास जमा आपकी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि पर हर साल ब्याज देना अनिवार्य है जो उपभोक्ता का अधिकार है । अगर विभाग यह ब्याज देने में देरी करता है तो उसको दोगुना दंडात्मक ब्याज उपभोक्ता को देना पड़ेगा ।
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट कितना पर ब्याज मिलता है ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के 28 नवम्बर 2015 के संशोधन के अनुसार उपभोक्ता को उसके विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित पिछले वित्तीय साल के वास्तविक बैंक रेट के औसत ( weighted average of actual Bank Rate(s)) के आधार विद्युत विभाग द्वारा ब्याज दिया जाता है जो आमतौर पर 5% से 7% तक रहता है ।
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट कितना पर ब्याज कब और कैसे मिलता है ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 7 के भाग 3 के अनुसार आपके जमा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज हर साल आपको 30 जून के बाद जारी होने वाले जुलाई माह के बिजली के बिल में मिलेगा ।
कब विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज नहीं दिया जाता ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 7 के भाग 2 के अनुसार अगर किसी उपभोक्ता की जमा विद्युत सिक्योरिटी 100/- रुपेय से कम है तो उसे ब्याज नहीं मिलेगा ।
अगर किसी उपभोक्ता ने बिजली का कनैक्शन लेने के एक साल के भीतर उसको कटवा दिया है तब भी उसको विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज नहीं मिलेगा ।
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट कब वापिस मिल सकता है ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 8 के अनुसार दो परिस्थियों में आपको अपनी जमा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस मिल सकता है :
- पहला जब आप अपना बिजली का कनैक्शन स्थायी रूप से कटवा देते हैं तो आपकी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट को आपके कनैक्शन के बकाया राशि (अगर हो तो ) में समायोजित करने के बाद बची हुई विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट को आपको वापिस किया जाता है ।
- दूसरा जब आप अपना लोड या कांट्रैक्ट डिमांड घटाते हैं तो आपके कम किए गए लोड या डिमांड के हिसाब से आपको सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस किया जाता है ।
कैसे अपनी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस लें?
अगर आपने बिजली का कनैक्शन पेरमानेंटली कटवा दिया है तो अपनी विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस लेने के लिए आप साधारण सा प्रथना पत्र लिख कर विद्युत उपमंडल अधिकारी को विद्युत सिक्योरिटी वापिस करने के लिए आवेदन करें ।
परंतु ध्यान रहे कि प्रथना पत्र में अपने बिजली के कनैक्शन जो अपने कटवा दिया है उसका विद्युत क्रमांक संख्या के साथ -साथ अपने बैंक खाते का विवरण जरूर दें और बैंक खाते का प्रूफ जैसे पासबूक की प्रति आवेदन के साथ जरूर सलग्न करें। क्योंकि विभाग द्वारा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट को नगद में न दे कर बैंक खाते में डाला जाता है ।
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस करने में देरी होने पर क्या प्रावधान हैं ?
HPERC (सिक्योरिटी डिपॉजिट) विनियम, 2005 के नियम 8 के अनुसार अगर विद्युत विभाग उपभोक्ता की विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट वापिस करने में देरी करता है तो उसको उस जमा विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि पर 12% प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा ।
लेख स्त्रोत :
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है?
ये बिजली कंपनी को दिया जाने वाला एक एडवांस पैसा होता है ताकि अगर बिल पेमेंट में देरी हो, तो कंपनी का नुकसान न हो।
एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट क्यों लगता है?
अगर आपका बिजली बिल पहले दिए गए सिक्योरिटी डिपॉजिट से ज्यादा बढ़ने लगे, तो कंपनी एडिशनल सिक्योरिटी की मांग करती है।
क्या सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस मिलता है?
हां, अगर आप अपना कनेक्शन बंद करवा रहे हैं और सारे बिल क्लियर हैं, तो कंपनी आपका सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस कर देती है।
सिक्योरिटी डिपॉजिट कितना देना होता है?
ये आपके लोड और बिजली खपत पर निर्भर करता है। ज्यादा लोड और खपत का मतलब ज्यादा डिपॉजिट।
विद्युत सिक्योरिटी डिपॉजिट का ब्याज मिलता है?
जी हां, बिजली कंपनी हर साल आपके सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज देती है, जो आमतौर पर आपके बिल में एडजस्ट हो जाता है।
सिक्योरिटी डिपॉजिट और एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट में फर्क क्या है?
सिक्योरिटी डिपॉजिट शुरुआत में लिया जाता है, जबकि एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट आपकी खपत बढ़ने पर मांगा जाता है।
अगर मैं सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं दूं तो क्या होगा?
बिना सिक्योरिटी डिपॉजिट के कनेक्शन जारी नहीं होता, और एडिशनल सिक्योरिटी न देने पर कंपनी आपका कनेक्शन काट सकती है और 12% प्रतिवर्ष के हिसाब से इन्टरेस्ट वसूल सकती है ।
एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट कब मांगा जाता है?
जब आपके पिछले साल के औसत बिल की राशि आपके मौजूदा सिक्योरिटी डिपॉजिट से ज्यादा हो जाए, तब कंपनी एडिशनल डिपॉजिट मांगती है।
क्या मैं सिक्योरिटी डिपॉजिट किश्तों में भर सकता हूं?
कुछ मामलों में कंपनी आपको एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट को किश्तों में भरने की सुविधा देती है। इसके लिए कंपनी से संपर्क करें।
अगर मेरा कनेक्शन बदल रहा है, तो क्या सिक्योरिटी डिपॉजिट ट्रांसफर होगा?
नहीं, सिक्योरिटी डिपॉजिट कनेक्शन के साथ जुड़ा होता है। नया कनेक्शन लेने पर नया डिपॉजिट देना होगा।
सिक्योरिटी डिपॉजिट का ब्याज कब मिलता है?
आमतौर पर साल के जुलाई महीने में जारी होने वाले बिजली के बिल में सिक्योरिटी डिपॉजिट के ब्याज की राशि को डाला जाता है ।
क्या एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट एक बार देने के बाद फाइनल हो जाता है?
नहीं, विद्युत कंपनी समय-समय पर आपके कनेक्शन की समीक्षा करती है और खपत बढ़ने पर अतिरिक्त राशि मांग सकती है।
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