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Power Availability Certificate(PAC) : क्या होता है, कब जरूरी है ,कैसे मिलता | चरणबद्ध सम्पूर्ण गाइड

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क्यों चाहिए

नमस्कार पाठकों आज हम एक और नए और महत्वपूर्ण विषय के बारे में बात करेंगें जो है पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) या PAC । कुछ मामलों में नए बिजली के कनैक्शन के लिए आवेदन करने से पहले पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (पी. ए. सी) के लिए आवेदन करना पड़ता है । इस लेख में जानेगें कि पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट(PAC) क्या होता है, कैसे PAC के लिए आवेदन करते हैं, किस अधिकारी के पास PAC जारी करने का अधिकार होता है इत्यादि । हमें पूर्ण विश्वास है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको कभी भी इस विषय में कोई भ्रांति या भ्रम नहीं नहीं रहेगा ।

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विषय सूची

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) क्या होता है और कब इसकी आवश्यकता पड़ती है ?

जब कभी भी ऐसे विद्युत के नये कनैक्शन की आवश्यकता होती है जिसकी कांट्रैक्ट डिमांड 100 केवीए (100 kVA) से अधिक हो या किसी मौजूदा विद्युत कनैक्शन के अतिरिक्त भार 100kVA से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता हो तो उपभोक्ता को नये विद्युत कनैक्शन या लोड स्वीकृती के आवेदन करने से पहले डिस्कोम यानि विद्युत वितरण विभाग से फिजिबिलिटी क्लियरेंस सर्टिफिकेट (Feasibility Clearance Certificate) की आवश्यकता होती है जिसे पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) कहा जाता है ।

सभी प्रकार के विद्युत श्रेणी के विद्युत कनैक्शन जिसका लोड/डिमांड 100 केवीए से अधिक है उन सबके लिए PAC सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है ।

कब 100 KW से अधिक लोड ले लिए PAC की आवश्यकता नहीं होती है ?

अगर उपभोक्ता अपनी पहले से स्वीकृत कांट्रैक्ट डिमांड (Sanctioned Contract Demand ) में बिना कोई परिवर्तन किए अपना कन्नेक्टेड लोड 100 KW से अधिक भी बढ़ाना चाहता है उस मामले में उसको पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है ।

इस मामले में उपभोक्ता को केवल एप्लिकेशन अंड एग्रीमंट फॉर्म के साथ रिवाइज़ड टेस्ट रिपोर्ट पर अपने अतिरिक्त भार को स्वीकृत (Sanction) करवाने के लिए विद्युत उपमंडल में आवेदन करना होगा ।

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) की वैधता कितनी अवधि के लिए होती है ?

Power Availability Certificate की वैधता इसके जारी होने की तारीख के बाद तीन सालों (3 years) के लिए होती है परंतु PAC की वैधता अवधि को आवेदक और एचपीएसईबीएल (HPSEBL) की आपसी सहमति से समय समय पर बढ़ाया जा सकता है । एक बार PAC मिल जाने के बाद आवेदक को तय सीमा के अंदर वह सारे आवश्यक कार्य पूरे करने होंगे जो नये बिजली के कनैक्शन को जारी करने के लिए जरूरी है जैसे की ट्रांसफार्मर और लाइनों की स्थापना एवं ऊर्जीकरण यदि हो।

आवेदक या उपभोक्ता को सभी कार्य और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही सभी दस्तावेज़ो के साथ नये विद्युत कनैक्शन और लोड स्वीकृती के लिए विद्युत उपमंडल में आवेदन करना होता है ।

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (Power Availability Certificate) का आवेदन कैसे करते हैं ?

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) का आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है । परंतु औद्योगिक इकाइयों को PAC औद्योगिक उपक्रम की स्थापना के प्रस्ताव को उद्योग विभाग की मंजूरी के बाद ही मिल सकती है ।

किसी भी औद्योगिक इकाई का कनैक्शन जिसके लिए भले ही PAC की आवश्यकता न भी हो (for <100 KVA ) उसके लिए भी लोड स्वीकृती से पहले उद्योग विभाग की मंजूरी आवश्यक है।

अगर Power Availability Certificate(PAC) का आवेदन सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के द्वारा किया गया है तो उस स्थिति में पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) मुख्य अभियंता (वाणिज्य) शिमला के द्वारा जारी किया जाता है ।

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) के आवेदन के लिए कोन-कोन से दस्तावेज़ों की जरूरत होती है ।

PAC का आवेदन एप्लिकेशन अंड एग्रीमंट फॉर्म भर कर किया जा सकता है परंतु एचपीएसईबीएल द्वारा सभी विद्युत श्रेणियों के लिए PAC के आवेदन के लिए अधिसूचना क्रमांक संख्या HPSEBL/CE(Comm.)/LS-Genl./Vol.-II/2015-16-11701-11790 दिनांक 29.12.2015 द्वारा एक PAC के आवेदन के लिए प्रारूप जारी किया है जिसके द्वारा भी PAC के लिए आवेदन किया जा सकता है । जिसको नीचे दिये लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है।

PAC के आवेदन के लिए संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची इस प्रकार है:

  1. सही भरा हुआ PAC का आवेदन पत्र (Application form duly filled)
  2. कनेक्टेड लोड विवरण सहित प्रस्तावित संयंत्र और मशीनरी का विवरण (Details of proposed plant and machinery along-with connected load)
  3. प्रस्तावित प्रोजेक्ट की अप्रूवल ( for industrial units, the approval of Industry Department)
  4. प्रक्रिया प्रवाह (Process Flow)
  5. पहचान पत्र (ID Proof)
  6. परियोजना की रिपोर्ट (Project report)

एचपीएसईबीएल के किस अधिकारी के पास पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) जारी करने की शक्तियाँ होती हैं ?

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड की अधिसूचना संख्या HPSEBL/CE(Comm.)/S-4/Vol-IV/2019-15966-16265 Dated 28.01.2019 के अनुसार विभिन्न अधिकारी निम्नलिखित सीमा तक Power Availability Certificate (PAC ) जारी करने में सक्षम हैं:

क्रमांक आधिकारिक पद का नाम लोड एवं डिमांड
1विद्युत मण्डल प्रभारी ( वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता)1000 kW कन्नेक्टेड लोड तक एवं 1000 kVA कांट्रैक्ट डिमांड तक
2परिचालन वृत प्रभारी (अधीक्षण अभियंता/अतिरिक्त मुख्य अभियंता)1000 kW से अधिक कन्नेक्टेड लोड एवं 1000 kVA से अधिक कांट्रैक्ट डिमांड
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आवेदन से लेकर पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) के जारी होने तक की पूरी प्रक्रिया क्या है ?

आइए जानते है PAC के आवेदन से लेकर PAC जारी होने तक की पूरी प्रक्रिया कैसे होती है । पूरी प्रक्रिया को हमने 6 चरणों में बांटा हुआ है । चलिये एक -एक करके सभी चरणों को समझते हैं :

चरण 1 : PAC के लिए आवेदन करना :

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) के लिए सबसे पहले आपको के सभी जरूरी दस्तावेज़ो के साथ PAC Application को भर कर एचपीएसईबीएल के विद्युत उपमंडल में आवेदन करना होगा। विद्युत उपमंडल अधिकारी (सहायक अभियंता) द्वारा PAC के आवेदन के लिए प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज़ो की जांच की जाएगी अगर कोई त्रुटि या कमी पायी गयी तो उपभोक्ता को सूचित कर त्रुटियाँ दूर करने के लिए कहा जायेगा ।

अगर सभी दस्तावेज़ सही पाये जाते हैं तो सहायक अभियंता द्वारा एक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) तैयार की जाती है और और सभी जमा करवाए गए दस्तावेज़ो के साथ फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) अपने विद्युत मण्डल अधिकारी (वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता) को प्रेषित कर दी जाती है। Power Availability Certificate (PAC) की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) कैसी होती है उसका फ़ारमैट नीचे दिया गया है जिसको आप डाउनलोड कर सकते है।

सहायक अभियंता द्वारा एक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) में जरूरी लोड डीटेल के साथ लोड रिलीज़ की आवश्यकताओं के लिए आवश्यक टिप्पणियाँ भी की जाती है। (जैसे की PAC में आवेदित लोड को रिलीज़ करने के लिए अगर नए ट्रान्स्फ़ोर्मर और नयी एचटी या एलटी लाईन डालने की जरूरत है तो उसकी टिप्पणी/अनुसंशा (recommendation) को फिजिबिलिटी रिपोर्ट में डाला जाता है ।

चरण 2: विद्युत मण्डल अधिकारी की कार्यवाही :

  1. विद्युत  उपमंडल के द्वारा अनुशंशित PAC के केस की जांच विद्युत मण्डल के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता द्वारा की जाती है अगर PAC में आवेदित लोड उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है तो पूरे केस को जरूरी टिप्पणी/अनुसंशा के साथ सक्षम प्राधिकारी /परिचालन वृत प्रभारी (अधीक्षण अभियंता/अतिरिक्त मुख्य अभियंता)) को प्रेषित कर दिया जाता है ।
  2. अगर (Power Availability Certificate) या PAC में आवेदित लोड उनके अधिकार क्षेत्र में आता है तो यह देखा जाता है PAC के आवेदन में कोई त्रुटि है या नहीं। अगर है तो केस को सुधार के लिए संबन्धित उपमंडल अधिकारी को वापिस भेज दिया जाता है।
  3. अगर PAC का आवेदन सही है तो यह जांच की जाती है कि जिस फीडिंग सबस्टेशन (66/11 KV or 33/11 KV Substation ) लोड को रिलीज़ किया जाना है क्या वो इलैक्ट्रिकल सिस्टम (ES ) के अंतर्गत आता है ? अगर आता है तो पूरे केस को संबन्धित इलैक्ट्रिकल सिस्टम के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता को फीडिंग सबस्टेशन की फिजिबिलिटी की जांच के लिए प्रेषित किया जाता है ।

चरण 3: इलैक्ट्रिकल सिस्टम की कार्यवाही :

जैसे ही PAC का केस इलैक्ट्रिकल सिस्टम के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता के पास पहुंचता है तो उनके द्वारा PAC एप्लिकेशन में आवेदित लोड की मांग के आधार पर फीडिंग सबस्टेशन (66/11 KV or 33/11 KV Substation ) की फिजिबिलिटी की जाँच की जाती है ।

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अगर (Power Availability Certificate) या PAC एप्लिकेशन में आवेदित लोड को रिलीज़ करने के लिए फीडिंग सबस्टेशन में उपकरणों के उन्नयन (upgradation) की आवश्यकता है तो आवेदन कर्ता को उनके द्वारा उन्नयन (upgradation) में आने लागत के लिए पैसे जमा करवाने के लिए डिमांड नोटिस दिया जाता है ।

जब आवेदनकर्ता द्वारा संबन्धित इलैक्ट्रिकल सिस्टम के कार्यालय में फीडिंग सबस्टेशन के उपकरणों के उन्नयन (upgradation) के लिए पैसे जमा करवा दिये जाते हैं तो उसके पश्चात ही वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता (ES) के द्वारा फिजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ पूरे PAC केस को उस विद्युत मण्डल अधिकारी को भेज दिया जाता है जहां से वह केस आया था ।

चरण 4: विद्युत मण्डल अधिकारी द्वारा PAC के लिए डिमांड नोटिस जारी करना

जैसे ही एचपीएसईबीएल के ऑपरेशन विद्युत मण्डल अधिकारी के पास इलैक्ट्रिकल सिस्टम के अधिकारी द्वारा भेजा गया Power Availability Certificate (PAC) का केस फीडिंग सबस्टेशन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ प्राप्त होता है तो उनके द्वारा PAC के आवेदनकर्ता को IDC शुल्क (Rs. 200/- per KVA ) जमा करवाने के लिए डिमांड नोटिस जारी किया जाता है ।

PAC डिमांड नोटिस की वैधता अवधि कितनी होती है ?

अगर Power Availability Certificate (PAC) का डिमांड नोटिस जारी हो गया है उसकी वैधता अवधि 60 दिनों को होती है जिसका मलतब है 60 दिनों के अंदर PAC आवेदनकर्ता को डिमांड नोटिस में मांगी गयी राशि को जमा करवाना पड़ता है वरना उपभोक्ता को फिर नए सिरे से PAC के लिए आवेदन करना होगा ।

चरण 5: PAC के डिमांड नोटिस के पैसे जमा करना :

PAC आवेदनकर्ता को 60 दिनों के भीतर Power Availability Certificate (PAC) के डिमांड नोटिस में मांगी गयी राशि को उस विद्युत उपमंडल में जमा करवाना होगा जहाँ उसने सबसे पहले PAC के लिए आवेदन किया था । PAC के डिमांड नोटिस की राशि उपभोक्ता या आवेदनकर्ता द्वारा सिर्फ डिमांड ड्राफ्ट या NEFT/RTGS द्वारा ही जमा करवाना होगा ।

जैसे ही Power Availability Certificate (PAC) के लिए जारी की गयी डिमांड नोटिस की राशि को विद्युत उपमंडल में जमा करवा दिया जाता है तब उपमंडल अधिकारी द्वारा इसकी सूचना वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता (विद्युत मण्डल) को लिखित में प्रेषित की जाती है ।

चरण 6: Power Availability Certificate (PAC) का जारी होना:

जैसे ही वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता (विद्युत मण्डल) को PAC के डिमांड नोटिस की राशि जमा होने की सूचना सहायक अभियंता के द्वारा लिखित में प्राप्त होती है तो उनके द्वारा आवेदन कर्ता को पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट या PAC को जारी कर दिया जाता है ।

Power Availability Certificate (PAC) जारी करने की समय सीमा 30 दिनों की है उपभोक्ता को डिमांड नोटिस की राशि जमा करने के 30 दिनों के भीतर पीएसी जारी करना अनिवार्य है ।

निष्कर्ष:

अंत में Power Availability Certificate (PAC) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो बड़े विद्युत कनैक्शन और लोड स्वीकृति की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। इसके बिना, 100 kVA से अधिक के लोड वाले नए कनैक्शन या मौजूदा कनैक्शन में लोड बढ़ाना संभव नहीं है। PAC के लिए आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी होना उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत आवश्यक है ताकि वे किसी भी बाधा के बिना अपने विद्युत संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके सभी सवालों के जवाब देने में सहायक सिद्ध हुआ है और अब आपको PAC के बारे में कोई भ्रम नहीं रहेगा। फिर भी अगर अभी आपके मन में कोई सन्देह रह गया हो तो हमें जरूर बताए हम पूरी कोशिश करेंगे उसे दूर करने की ।

लेख स्रोत : HPSEBL Revised Sales Manual upto 2017

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) क्या होता है?

Power Availability Certificate (PAC) एक फिजिबिलिटी क्लियरेंस सर्टिफिकेट है जो डिस्कोम या विद्युत वितरण विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इसकी आवश्यकता तब होती है जब नए विद्युत कनैक्शन की कांट्रैक्ट डिमांड 100 kVA से अधिक हो या मौजूदा कनैक्शन में अतिरिक्त भार 100 kVA से अधिक बढ़ाना हो।

PAC की वैधता कितनी होती है?

PAC की वैधता इसके जारी होने की तारीख से तीन साल (3 years) के लिए होती है। यह अवधि आवेदक और एचपीएसईबीएल (HPSEBL) की आपसी सहमति से बढ़ाई जा सकती है।

PAC के लिए आवेदन कैसे किया जाता है?

PAC का आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। औद्योगिक इकाइयों को PAC औद्योगिक उपक्रम की स्थापना के प्रस्ताव को उद्योग विभाग की मंजूरी के बाद ही मिल सकता है।

PAC के आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

PAC के आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
1. सही भरा हुआ आवेदन पत्र
2. संयंत्र और मशीनरी का विवरण
3. उद्योग विभाग की मंजूरी (औद्योगिक इकाइयों के लिए)
4. प्रक्रिया प्रवाह (Process Flow)
5. पहचान पत्र
6. परियोजना की रिपोर्ट

किस अधिकारी के पास Power Availability Certificate (PAC) जारी करने का अधिकार होता है?

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड की अधिसूचना के अनुसार, PAC जारी करने की शक्तियाँ निम्नलिखित अधिकारियों के पास होती हैं:
(1) विद्युत मण्डल प्रभारी (वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता) – 1000 kW कन्नेक्टेड लोड तक एवं 1000 kVA कांट्रैक्ट डिमांड तक।
(2) परिचालन वृत प्रभारी (अधीक्षण अभियंता/अतिरिक्त मुख्य अभियंता) – 1000 kW से अधिक कन्नेक्टेड लोड एवं 1000 kVA से अधिक कांट्रैक्ट डिमांड।

PAC की आवेदन प्रक्रिया में कितने चरण होते हैं?

Power Availability Certificate (PAC) की आवेदन प्रक्रिया में छह चरण होते हैं

क्या PAC का डिमांड नोटिस जारी होने के बाद उसका भुगतान करने की कोई समय सीमा होती है?

हां, PAC का डिमांड नोटिस जारी होने के बाद उसकी वैधता अवधि 60 दिनों की होती है। आवेदक को 60 दिनों के अंदर मांगी गई राशि जमा करनी होती है, अन्यथा उसे नए सिरे से PAC के लिए आवेदन करना होगा।

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