बिजली हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई बार विद्युत विभाग द्वारा बिजली का बिल जमा न होने के कारण या अन्य किसी कारण की वजह से बिजली का कनैक्शन द्वारा काट दिया जाता है । इस लेख में हम जानेंगे कि अगर कोई बिजली का कनैक्शन कट गया है तो एचपीएसईबीएल (हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड) के निर्देशों के अनुसार उसको दोबारा कैसे जुड़वाया जा सकता है (Electricity Meter Reconnection Process in Himachal) । हम यहाँ विस्तार से जानेंगे की दोबारा बिजली के कनैक्शन जोड़ने की क्या प्रक्रिया होती है और कोन – कोन से दस्तावेज़ो की अवश्यकता पड़ती है और आपको कोन -कोन से शुल्क चुकाने पड़ते हैं।
बिजली का कनैक्शन दोबारा कैसे जुड़वाया जाए ? यह जानने से पहले आपको यह जानना होगा की विद्युत डिसकनैक्शन (Disconnection of Electricity Supply) क्या होता है और कितनी तरह का होता है । एचपीएसईबीएल के निर्देशानुसार विद्युत डिसकनैक्शन दो प्रकार का होता है , अस्थायी डिसकनैक्शन (विच्छेदन) एवं स्थायी डिसकनैक्शन । दोनों में क्या अंतर होता है आइये समझते हैं।
अस्थायी विद्युत डिसकनैक्शन (विच्छेदन):
अस्थायी विद्युत डिसकनैक्शन में विद्युत विभाग द्वारा संबन्धित उपभोक्ता की विद्युत आपूर्ति को बिजली के खंबें या टी-जाइंट से काटा जाता है परंतु बिजली के मीटर को नहीं उखाड़ा जाता है । ज्यादा कर अस्थायी विद्युत डिसकनैक्शन तब किया जाता है जब किसी के द्वारा बिजली के बिल का भुगतान न किया गया हो ।
जब उपभोक्ता द्वारा पूरे बिजली के बिल का भुगतान कर दिया जाता है तो उपभोक्ता को अपने अस्थायी तौर पर काटे बिजली के कनैक्शन को दोबारा जुड़वाने के लिए कार्यालय में प्रथना पत्र दे कर री-कनैक्शन शुल्क जमा करवाना पड़ता है जिसके बाद उस उपभोक्ता की विद्युत आपूर्ति को 24 घंटो के अंदर बहाल करना पड़ता है।
अस्थायी विद्युत डिसकनैक्शन के बाद दोबारा विद्युत आपूर्ति जुड़वाने के लिए उपभोक्ता को कितना री-कनैक्शन शुल्क चुकाना पड़ेगा वो उसकी विद्युत कनैक्शन की श्रेणी पर निर्भर करता है जिसका विवरण नीचे दिया गया है :
पुन: विद्युत आपूर्ति शुल्क (Reconnection Charges )
क्रम संख्या | विवरण | स्वीकृत शुल्क |
(i) | औद्योगिक उपभोक्ता के अलावा बाकी सभी विद्युत श्रेणियों जैसे कि घरेलू , कमर्शियल, सरकारी, कृषि इत्यादि | रु. 250/- |
(ii) | छोटे औद्योगिक बिजली आपूर्ति उपभोक्ता (कॉन्ट्रैक्ट डिमांड ≤ 50 kVA) | रु. 500/- |
(iii) | मध्यम औद्योगिक बिजली आपूर्ति उपभोक्ता (कॉन्ट्रैक्ट डिमांड > 50 kVA और ≤ 100 kVA) | रु. 1000/- |
(iv) | बड़े औद्योगिक बिजली आपूर्ति उपभोक्ता (कॉन्ट्रैक्ट डिमांड > 100 kVA) | रु. 1500/- |
स्थायी विद्युत डिसकनैक्शन (विच्छेदन):
स्थायी विद्युत डिसकनैक्शन (विच्छेदन) तब कहलाता है जब विद्युत विभाग द्वारा बिजली काट कर सर्विस लाइन को हटा कर बिजली के मीटर को उखाड़ कर जब्त कर लिया जाता । जब भी स्थायी विद्युत डिस-कनैक्शन होता है तो सिर्फ Reconnection Charges जमा करवा कर फिर से दोबारा बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकती । क्योंकि स्थायी विद्युत डिसकनैक्शन के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति बहाल करने की प्रक्रिया बिलकुल अलग होती है । आइये विस्तार से समझते हैं :
स्थायी डिसकनेक्शन के कारण:
- बिजली के बिलों का भुगतान न करना: अगर समय पर बिजली के बिलों का भुगतान न किया जाए तो विभाग द्वारा पहले अस्थायी विद्युत डिसकनैक्शन किया जाता है परंतु अस्थायी डिसकनैक्शन के बाद भी उपभोक्ता द्वारा 6 महीने तक भुगतान नहीं किया जाता है तो स्थायी विद्युत डिसकनैक्शन किया जाता है ।
- नियमों का उल्लंघन: एचपीएसईबीएल के साथ अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर भी स्थायी डिसकनैक्शन किया जा सकता है ।
- उपभोक्ता का अनुरोध: अगर उपभोक्ता को उसके विद्युत कनैक्शन की जरूरत नहीं है तो उपभोक्ता के अनुरोध पर स्थायी डिसकनेक्शन किया जा सकता है ।
स्थायी डिसकनेक्शन के बाद बिजली आपूर्ति कैसे बहाल करें
बहुत से उपभोक्ताओं को यह भ्रम होता है की अगर स्थायी तौर पर बिजली का मीटर कट गया है तो कुछ शुल्क जमा करवा कर फिर से विद्युत आपूर्ति बहाल की जा सकती है परंतु यह पूरी तरह से गलत है ।
पहली बात स्थायी विद्युत डिसकनैक्शन के 365 दिनों के भीतर ही उस विद्युत कनैक्शन की पुन: बहाली के लिए आवेदन किया जा सकता है । 365 दिनों के बाद उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति के लिए नये विद्युत कनैक्शन के लिए आवेदन करना पड़ेगा ।
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दूसरी बात यह कि स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए उपभोक्ता को वो सारे विद्युत शुल्क चुकाने पड़ेंगे जो एक नये विद्युत कनैक्शन लेने के समय चुकाने पड़ते है । अंतर सिर्फ इतना है कि स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद री-कनैक्शन के लिए उपभोक्ता को कागजी कार्यवाही कम करनी पड़ती है । आइये विस्तार से समझते हैं :
तीसरी बात यह कि स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए उपभोक्ता को वो सारे विद्युत शुल्क चुकाने पड़ेंगे जो एक नये विद्युत कनैक्शन लेने के समय चुकाने पड़ते है । अंतर सिर्फ इतना है कि स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद री-कनैक्शन के लिए उपभोक्ता कागजी कार्यवाही कम करनी पड़ती है जिसका स्पष्टीकरण चीफ़ इंजीनियर कमर्शियल द्वारा अधिसूचना क्रमांक HPSEBL/CE(Comm.)LS-Genl./2014-2015-21701-22030 dated 31.03.2015 द्वारा दिया जा चुका है। इस अधिसूचना को नीचे दिये गए लिंक से डाउनलोड लिया जा सकता है ।
आइए विस्तार से समझते हैं की स्थायी विद्युत डिस-कनैक्शन के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति बहाल करने की क्या प्रक्रिया होती है :
पुन: विद्युत आपूर्ति बहाली के लिए आवेदन:
स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति का आवेदन मूल उपभोक्ता या कोई अन्य व्यक्ति कर सकता है जो उस स्थान पर कनेक्शन प्राप्त करना चाहता है, जहां पहले आपूर्ति डिसकनेक्ट हो चुकी थी । सामान्य तौर पर अगर आप सामान्य विद्युत श्रेणी के कनैक्शन जिसमें Power Availability Certificate (PAC) की आवश्यकता नहीं होती है उसकी पुन: विद्युत आपूर्ति की बहाली का आवेदन करना चाहते है तो सिर्फ एप्लिकेशन एवं अग्रीमेंट फॉर्म (A&A फॉर्म ) भर कर आवेदन किया जा सकता है अगर आप उतने की विद्युत लोड के लिए आवेदन कर रहे हैं जो पहले कट चुके कनैक्शन के बराबर हो।
इस स्थिति में उपभोक्ता के सभी अन्य अधिकार और सरकारी विभागों से पहले से प्राप्त सभी अनुमतियाँ/स्वीकृतियाँ/NOC आदि जो पुराने कट चुके बिजली के कनैक्शन को लेने के लिए प्राप्त की थी Reconnection के समय भी वैध मानी जाएंगी और उपभोक्ता से दोबारा उन अनुमति लेने की मांग नहीं की जा सकती ।
PAC के बिना पुन: विद्युत आपूर्ति बहाली की शर्तें :
वो विद्युत कनैक्शन विद्युत लोड या कांट्रैक्ट डिमांड 100 केवीए से अधिक हो उनको पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है । अगर आप ऐसे किसी स्थायी तौर पर कट चुके विद्युत कनैक्शन की आपूर्ति बहाली के लिए आवेदन करना चाहते हैं और यदि आप निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं, तो बिजली आपूर्ति को पावर अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (PAC) की आवश्यकता के बिना बहाल किया जा सकता है:
- सर्विस लाइन उपलब्धता: सर्विस लाइन को न तो हटाया गया हो और न ही अन्य उपभोक्ताओं के लिए उपयोग किया गया हो, और उसमें 30% की रेडंडेंसी के साथ पर्याप्त क्षमता हो।
- फीडिंग सिस्टम क्षमता: फीडिंग सिस्टम में पर्याप्त अतिरिक्त क्षमता होनी चाहिए जिससे लोड को सहन किया जा सके।
- लोड और डिमांड का मेल: आप वही लोड और डिमांड के लिए आवेदन कर रहे हैं जो पहले था।
यह सभी शर्तें पूरी होने के बाद बिना PAC के सिर्फ एप्लिकेशन एवं अग्रीमेंट फॉर्म (A&A फॉर्म ) भर कर स्थायी तौर पर कट चुके बिजली के कनैक्शन के पुन: विद्युत आपूर्ति बहाली के लिए आवेदन किया जा सकता है । और विद्युत विभाग को A&A फॉर्म पर भरे लोड को संबंधित प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत करवाया जाता है ।
ध्यान रहे ऐसे विद्युत कनैक्शन की विद्युत आपूर्ति बहाली के लिए आवेदन किया जा रहा है जिसके स्थायी डिसकनैक्शन हुए 6 महीने हो चुके हैं तो उस स्थिति में एप्लिकेशन एवं अग्रीमेंट फॉर्म (A&A फॉर्म ) के साथ साथ टेस्ट रिपोर्ट फॉर्म भी भरी जाएगी और 650 वोल्ट या इससे अधिक की इंस्टॉलेशन के लिए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के नियम 43 के अनुसार निरीक्षण आवश्यक होगा ।
पूर्ण औपचारिकताएं आवश्यक होने की स्थिति:
यदि उपरोक्त शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो पुन: विद्युत बहाली की प्रक्रिया एक नए कनेक्शन के समान होगी। इसमें PAC जारी करना और अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी करना शामिल होगा, जैसे कि लोड स्वीकृति और अन्य दस्तावेज़ीकरण।
पुन: विद्युत आपूर्ति बहाली के दौरान लगने वाले शुल्क
स्थायी डिसकनेक्शन के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने में कुछ शुल्क शामिल होते हैं, जिनका भुगतान करना आवश्यक है जैसे कि :
सेक्युर्टी डिपॉज़िट :
उपभोक्ता से हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (HPERC) सेक्युर्टी डिपॉज़िट विनियम, 2005 और उसके संशोधनों के अनुसार सेक्युर्टी डिपॉज़िट या ACD लिया जाएगा।
सर्विस लाइन का खर्च:
यदि पुराने कनैक्शन के स्थायी डिस-कनैक्शन के बाद सर्विस लाइन को हटा दिया गया है या 30% रेडंडेंसी के साथ प्रतिबद्ध लोड के बाद उसमें अतिरिक्त क्षमता नहीं है, तो आपको नई सर्विस लाइन की लागत वहन करनी होगी। यह लागत HPERC के विद्युत आपूर्ति खर्च की वसूली के विनियम, 419/2012 और उसके संशोधनों के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
बिजली आपूर्ति के लिए खर्च
स्थायी तौर पर बिजली के मीटर के कट जाने के बाद पुन: बिजली आपूर्ति के लिए उपभोक्ता को आवश्यक अतिरिक्त खर्च जैसे कि IDC , सर्विस एस्टीमते भी HPERC के विनियमों के अनुसार जमा करवाने होंगे।
बकाया भुगतान
यदि पिछले कनेक्शन पर कोई बकाया राशि है, तो उसे भी बहाली से पहले एचपीएसईबीएल के सप्लाई कोड 2009 और उसके संशोधनों के निर्देशा अनुसार पिछले कनैक्शन की बकाया राशि का भुगतान करना होगा ।
पुनः कनेक्शन प्रदान करने के लिए विशेष ध्यान रखने हेतु जरूरी बातें :
पुन: बिजली आपूर्ति बहाल करते समय, कुछ विशेष जानकारी कनेक्शन आदेश में दर्ज की जाना आवश्यक है
- सर्विस लाइन का विवरण: एक नोट जिसमें कहा गया हो कि सर्विस लाइन मौजूद है और उसे पुनः कनेक्ट किया जा रहा है।
- पिछली खाता जानकारी: पुराने खाता नंबर या उपभोक्ता संख्या और पिछले उपभोक्ता का नाम भी उल्लेख किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, यदि बिजली आपूर्ति को छह महीने के बाद बहाल किया जा रहा है, तो उपभोक्ता को एक नई टेस्ट रिपोर्ट प्रदान करनी होगी ताकि एचपीएसईबीएल की आपूर्ति प्रणाली से कनेक्शन से पहले विद्युत इंस्टॉलेशन की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने जाना कि विद्युत डिसकनैक्शन क्या होता है और कितने प्रकार का होता है । स्थायी डिसकनेक्शन के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है, लेकिन सही जानकारी और प्रक्रिया की समझ के साथ, यह काफी सरल हो सकता है। उपरोक्त कदमों का पालन करके और आवश्यक शर्तों और भुगतान को पूरा करके, आप अपनी बिजली आपूर्ति को पुन: बहाल करवा सकते हैं । अगर फिर भी आपके मन में कोई संशय रह गया हो या कोई अतिरिक्त जानकारी चाहिए तो इस पोस्ट के अंत में कमेंट कर सूचित करें हम पूरी कोशिश करेंगे समाधान करने का ।
लेख स्त्रोत : एचपीएसईबीएल के संशोधित सेल्स मैनुअल अनुदेश संख्या 36.2 और एचपीएसईबीएल के सप्लाई कोड 2009 (संशोधित )
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
बिजली का कनेक्शन कब कटता है?
बिजली का कनेक्शन तब काटा जाता है जब उपभोक्ता द्वारा समय पर बिजली का बिल जमा नहीं किया जाता है या एचपीएसईबीएल के नियमों का उल्लंघन किया जाता है।
स्थायी और स्थायी डिसकनेक्शन में क्या अंतर है?
अस्थायी डिसकनेक्शन में बिजली की आपूर्ति को अस्थायी रूप से काट दिया जाता है लेकिन मीटर को नहीं हटाया जाता। स्थायी डिसकनेक्शन में बिजली का मीटर और सर्विस लाइन को हटा दिया जाता है।
क्या स्थायी डिसकनेक्शन के बाद पुनः बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकती है?
हां, स्थायी डिसकनेक्शन के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकती है, लेकिन इसके लिए आपको नए कनेक्शन की तरह सभी शुल्कों का भुगतान करना होगा।
स्थायी डिसकनेक्शन के बाद पुनः कनेक्शन के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं?
स्थायी डिसकनेक्शन के बाद पुनः कनेक्शन के लिए आपको सामान्यतः केवल एप्लिकेशन एवं अग्रीमेंट फॉर्म (A&A फॉर्म), आवश्यकता होगी अगर स्थायी डिसकनैक्शन को हुए 6 माह से कम समय हुआ हो और उतने ही विद्युत लोड के लिए आवेदन किया जा रहा है जो पहले कट चुके कनैक्शन के बराबर हो। इस स्थिति में उपभोक्ता के सभी अन्य अधिकार और सरकारी विभागों से पहले से प्राप्त सभी अनुमतियाँ/स्वीकृतियाँ/NOC आदि जो पुराने कट चुके बिजली के कनैक्शन को लेने के लिए प्राप्त की थी Reconnection के समय भी वैध मानी जाएंगी।
अस्थायी डिसकनैक्शन के बाद पुनः कनेक्शन के लिए कितने शुल्क लगते हैं?
अस्थायी डिसकनैक्शन के बाद पुनः कनेक्शन के लिए लगने वाले शुल्क आपकी बिजली की श्रेणी पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, घरेलू और अन्य श्रेणियों के लिए शुल्क ₹250 है, जबकि औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए यह ₹500 से ₹1500 तक हो सकता है।
यदि स्थायी डिसकनेक्शन के 6 महीने बाद पुनः बिजली कनेक्शन बहाल किया जा रहा है, तो क्या विशेष ध्यान देना होगा?
यदि 6 महीने से अधिक समय हो गया है, तो उपभोक्ता को एक नई टेस्ट रिपोर्ट जमा करनी होगी, और 650 वोल्ट या इससे अधिक के इंस्टॉलेशन के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) से निरीक्षण आवश्यक होगा।
क्या पिछले कनेक्शन के बकाया भुगतान के बाद ही पुनः बिजली कनेक्शन किया जा सकता है?
हां, पिछले कनेक्शन पर कोई भी बकाया राशि को बहाली से पहले चुकाना अनिवार्य है।
क्या सर्विस लाइन को हटाने के बाद पुनः वही लाइन उपयोग की जा सकती है?
यदि सर्विस लाइन को हटाया नहीं गया है और उसमें पर्याप्त क्षमता है, तो उसे पुनः उपयोग किया जा सकता है। यदि हटाया गया है, तो नई सर्विस लाइन का खर्च उठाना होगा।
स्थायी डिसकनेक्शन के बाद कितने दिनों के भीतर पुनः बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकती है?
स्थायी डिसकनैक्शन के 365 दिनों के अंदर पुनः बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए आवेदन किया जा सकता है ।