अगर आप हिमाचल प्रदेश में रहते हैं और सोलर कनैक्शन लगाना चाहते हैं तो आप के लिए खुशखबरी है । हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (HPERC) ने रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम विनियम 2024 में तीसरा ) महत्वपूर्ण संशोधन किया है । जिससे हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम 2024 के तहत पीएम सूर्य घर योजना के तहत अब सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाना और भी आसान हो गया है । इस नए संशोधन से न सिर्फ सोलर कनैक्शन लगाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है, बल्कि इसमें कई तकनीकी बाधाओं को भी हटा दिया गया है। अगर आप अपने बिजली के बिल को कम करना चाहते हैं और सोलर कनैक्शन लगाना चाहते हैं तो आपके लिए यह एक सुनहरा मौका हो सकता है । आइये इन नए नियमों को विस्तार से समझते हैं :
हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम 2024 ने सोलर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाया है। ये बदलाव सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए सोलर ऊर्जा को और अधिक सुलभ बना रहे हैं।
10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की अनिवार्यता खत्म
पहले जब भी सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन किया जाता था तो सबसे बड़ी दो समस्या आती थी । पहली आपके मौजूदा बिजली के कनैक्शन का स्वीकृत विद्युत लोड का सोलर पैनल के लिए आवेदन की गयी क्षमता से कम होना।
उदाहरण के लिए पुराने नियमों के अनुसार अगर पहले 5kW के सोलर सिस्टम का आवेदन किया है तो आपके बिजली के कनैक्शन का स्वीकृत लोड भी 5kW या उससे अधिक होना आवश्यक था वरना आपके सोलर के आवेदन को विद्युत वितरण कंपनियों (DISCOM जैसे HPSEBL) द्वारा तब तक रोक कर रखा जाता था जब तक आप अपना बिजली के कनैक्शन का स्वीकृत लोड सोलर सिस्टम के आवेदित लोड तक बढ़ा न ले ।
दूसरा यह की सोलर पैनल लगाने के लिए DISCOM द्वारा तकनीकी जाँच (Technical feasibility) अनिवार्य थी जिस वजह से अनावश्यक देरी होती थी जिसको हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम (HPERC Rooftop Solar PV Grid Interactive System (Third Amendment) Regulations, 2024) में संशोधन कर बड़ी राहत प्रदान की गयी है ।
- अब दिनांक 12.06.2024 से 10 kW तक के सोलर क्षमता तक के लिए यदि उपभोक्ता का स्वीकृत कनेक्टेड लोड उस सोलर संयंत्र की क्षमता से कम है जिसे उपभोक्ता स्थापित करना चाहता है, तो स्वीकृत कनेक्टेड लोड को वितरण लाइसेंसधारी (डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी) द्वारा उस सीमा तक बढ़ाया हुआ माना जाएगा.
- परंतु लोड बढ़ने पर लागू होने वाले शुल्क पुराने नियमों के अनुसार ही रहेंगे और वितरण लाइसेंसधारी (डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी) द्वारा आपसे उसकी वसूली की जाएगी।
- अब 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए किसी प्रकार की तकनीकी जाँच की आवश्यकता नहीं होगी।
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नोडल एजेंसी की नई भूमिका:
अब नए संशोधन के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सोलर रूफटॉप योजनाओं को लागू करने के लिए हिमुर्जा और HPSEBL को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। इसका मतलब है कि अब आप इन एजेंसियों के माध्यम से आसानी से अपने सोलर कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकारी सहायता प्राप्त कर अपनी बिजली की बचत को बढ़ावा दे सकते हैं ।
ऑनलाइन पंजीकरण और सब्सिडी का लाभ
नए संशोधन के बाद आप हिमुर्जा या HPSEBL के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सब्सिडी और वित्तीय सहायता का लाभ उठा सकते हैं। इन एजेंसियों द्वारा प्रक्रिया को पहले से ज्यादा तेज और सरल बनाया जाएगा , जिससे उपभोक्ता बिना किसी देरी के सोलर कनेक्शन प्राप्त हो सकें।
सोलर सिस्टम की क्षमता सीमा:
नए नियमों के तहत, सोलर सिस्टम की क्षमता को निम्नलिखित आधार पर निर्धारित किया गया है।
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आवेदित सोलर पैनल की लोड की क्षमता के अनुसार :
- अगर आपके बिजली के मौजूदा कनेक्शन 10 kW या उससे कम का है, तो आप 10 kW तक का सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर सकते हैं।
- अगर आपका कनेक्टेड लोड 10 kW से ज्यादा है, तो आप अपने लोड का 50% या 10 kW, जो भी अधिक हो, सोलर सिस्टम के रूप में लगा सकते हैं।
वोल्टेज स्तर के आधार पर अधिकतम क्षमता का निर्धारण :
क्रमांक | वह वोल्टेज जिस पर उपभोक्ता आपूर्ति प्राप्त करता है | रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम की अधिकतम पीक क्षमता |
1 | एलटी (1 फेज) | 10 kWp |
2 | एलटी (3 फेज) | 20 kWp |
3 | 11 kV या इससे अधिक वोल्टेज स्तर | 1 MWp |
समय-सीमा का सख्ती से पालन
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम विनियम में 2024 में तीसरा संशोधन करने के बाद सोलर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षों को तय समय-सीमा के भीतर अपने कार्य करने होंगे। अगर 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की आवश्यकता नहीं है, तो आवेदन को स्वतः स्वीकृत माना जाएगा। बड़े सोलर सिस्टम के लिए, तकनीकी जाँच 15 दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए, और अगर समय पर कोई उत्तर नहीं आता है, तो इसे तकनीकी रूप से स्वीकृत माना जाएगा।
हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम का उपभोक्ताओं के लिए क्या हैं फायदे
हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम से सबसे बड़ा फायदा यह है कि सोलर सिस्टम लगाने की प्रक्रिया पहले से अधिक आसान हो गई है। अब उपभोक्ताओं को तकनीकी जाँच में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा, और साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण और वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी आसानी होगी।
सरल प्रक्रिया के साथ-साथ, अब सोलर एनर्जी का इस्तेमाल कर आप न सिर्फ अपने बिजली बिलों में कटौती कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे सकते हैं।
क्या 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की अनिवार्यता के खत्म होने का फायदा सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही मिलेगा ?
नहीं 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की अनिवार्यता के खत्म होने का फायदा हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में मिलेगा क्योंकि विद्युत मंत्रालय द्वारा पहले ही दिनाँक 22 फरवरी 2024 को विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में पहले ही संशोधन कर इस बात को सुनिश्चित कर दिया था कि अब 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए किसी प्रकार की तकनीकी जाँच की आवश्यकता नहीं होगी।
तथा 10 kW तक की क्षमता वाले रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टाइक सिस्टम के लिए, यदि आवेदन सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है, तो उसे स्वीकृत माना जाएगा भले ही उस उपभोक्ता के मौजूदा बिजली के कनैक्शन का लोड आवेदित सोलर सिस्टम की क्षमता से कम ही क्यों न हो ।
इस बाबत विद्युत मंत्रालय द्वारा दिनाँक 18 जुलाई 2024 को अधिसूचना जारी कर स्पष्टीकरण दिया गया है जो नीचे दर्शाया गया है ।
निष्कर्ष
हिमाचल सोलर कनेक्शन के नए नियम 2024 से सोलर ऊर्जा का लाभ उठाना अब पहले से कहीं अधिक सरल और सुलभ हो गया है। बिना किसी तकनीकी जाँच की आवश्यकता के 10 kW तक के सोलर सिस्टम को स्वीकृति मिलना एक बड़ा कदम है, जो न केवल उपभोक्ताओं को समय की बचत देगा बल्कि सोलर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया को भी तेज़ करेगा। यह संशोधन न केवल बिजली बिलों को कम करने में मदद करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगा। यदि आप अपने घर में सोलर पैनल लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह सही समय है—सरल प्रक्रिया और सरकारी सहयोग के साथ, सोलर कनेक्शन अब पहले से अधिक किफायती और लाभकारी है।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
2024 में हिमाचल में सोलर कनेक्शन के नियम में सबसे बड़ा बदलाव क्या है?
नए नियमों के तहत 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे सोलर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया तेज और आसान हो गई है।
क्या 10 kW से अधिक के सोलर सिस्टम के लिए भी यही नियम लागू हैं?
नहीं, 10 kW से अधिक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच आवश्यक होगी, लेकिन यह प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। अगर 15 दिनों में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो इसे स्वीकृत माना जाएगा
क्या सोलर पैनल लगाने के लिए मेरे मौजूदा स्वीकृत लोड को बढ़ाना आवश्यक होगा?
यदि आपका मौजूदा स्वीकृत लोड सोलर सिस्टम की क्षमता से कम है, तो नए नियमों के तहत स्वीकृत लोड को स्वतः बढ़ाया हुआ माना जाएगा। हालांकि, इसके लिए लागू शुल्क का भुगतान आपको करना होगा।
मैं सोलर कनेक्शन के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूँ?
आप हिमुर्जा या HPSEBL के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको सरकारी सब्सिडी और वित्तीय सहायता का लाभ भी मिल सकता है।
क्या सोलर पैनल लगाने पर मुझे सब्सिडी मिलेगी?
हाँ, सरकारी योजनाओं के तहत आपको सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकती है। इसके लिए हिमुर्जा और HPSEBL नोडल एजेंसियों के रूप में काम कर रही हैं।
क्या पूरे देश में 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच खत्म हो गई है?
हाँ, विद्युत मंत्रालय द्वारा 22 फरवरी 2024 को जारी संशोधन के बाद पूरे देश में 10 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी जाँच की आवश्यकता नहीं है।