Subscribe for Email Updates – It's Free!

हम तक पहुँचने के लिए आपका धन्यवाद 🙏 . विद्युत सेवाओं, नियमों और रोचक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और जानें की विद्युत नियम आपके दैनिक जीवन और आपकी जेब को कैसे प्रभावित करते हैं?

या QR स्कैन करें

क्या आप बिजली बिल में नाम बदलना चाहते हैं? जानें आसान प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज़ और शुल्क की पूरी जानकारी!

Rate this post

जब कभी भी हम नए मकान में शिफ्ट करते हैं या कोई प्रॉपर्टि खरीदते हैं तो प्रॉपर्टि तो हमारे नाम ट्रान्सफर हो जाती है मगर लेकिन बिजली कनेक्शन पुराने मालिक के नाम पर ही रहता है। कई बार अपने परिजन की मृत्यु के उपरांत भी उन्हीं के नाम पर बिजली का मीटर चलता रहता है । तब एक ही सवाल सामने आता है: “अब इस बिजली बिल को अपने नाम पर कैसे कराएं? इस लेख में हम यही चर्चा करेंगे की हिमाचल प्रदेश में बिजली के बिल में नाम बदलने के क्या नियम हैं और इसके लिए कोन-कोन से दस्तावेज़ और शुल्क देने पड़ते हैं । इस लेख को पढ़ने के बाद आपको बिजली बिल में नाम बदलना बिलकुल आसान लगेगा । आइये विस्तार से समझते हैं ।

बिजली बिल में नाम बदलना

बिजली के बिल में नाम बदलना बिजली के कनैक्शन का स्वामित्व बदलने जैसा है । इसलिए बिजली के बिल में नाम बदलने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी यह इस बात पर निर्भर करता किस परिस्थिति में मीटर का स्वामित्व बदला जाना है । हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड ने ऐसी 7 तरह की परिस्थितियाँ परिभाषित की हैं जिसमें एक बिजली के मीटर का नाम बदलने की आवश्यकता होती है :

  1. उपभोक्ता की मृत्यु के बाद बिजली बिल में नाम बदलना
  2. बिल्डर से खरीदार के नाम पर फ्लैट के बिजली बिल में नाम बदलना
  3. संपत्ति विभाजन के कारण बिजली बिल में नाम बदलना
  4. कंपनियों के विलय/समामेलन के कारण नाम परिवर्तन
  5. संपत्ति के बिक्री या उपहार में प्राप्त करने के बाद बिजली बिल में नाम बदलना
  6. किरायेदार के नाम पर बिजली बिल में नाम बदलना
  7. सरकारी आवास आवंटन के कारण नाम परिवर्तन

आइये एक -एक करके जानते हैं कि अलग-अलग परिस्थिति में बिजली के बिल में नाम बदलने के लिए कोन – कोन से दस्तावेजों और शुल्क चुकाने कि अवश्यकता पड़ती है :

विषय सूची

उपभोक्ता की मृत्यु के बाद बिजली बिल में नाम बदलना:

जब किसी उपभोक्ता की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी के नाम पर बिजली के मीटर या कनैक्शन को बदला जा सकता है । उसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है :

मृत्यु के बाद बिजली बिल में नाम बदलने के लिए जरूरी दस्तावेज़ :

  1. मृत्यु प्रमाणपत्र: उस उपभोक्ता का, जिसके नाम पर पहले बिजली का कनेक्शन था ।
  2. उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र (Legal heir certificate) : नए उपभोक्ता का कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र।
  3. अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC): दिवंगत उपभोक्ता के अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से (पत्नी के अलावा) एनओसी की आवश्यकता होगी ।
  4. वर्तमान बिजली बिल प्रति: जिसका हाल में भुगतान किया गया और जिसमें कोई बकाया न हो।
  5. A&A फॉर्म: एक ₹50/- या 100/- विद्युत श्रेणी के अनुसार के क्रॉस स्टांप पेपर पर पूरा भरा हुआ।
  6. टेस्ट रिपोर्ट : अगर मौजूदा विद्युत लोड पहले किए गए स्वीकृत लोड से अधिक है तो एक लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से परीक्षण रिपोर्ट अथवा टेस्ट रिपोर्ट भी आवश्यक है ।
  7. पहचान पत्र: नए आवेदक की पहचान का प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड
  8. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार
  9. पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) हस्तांतरण: के लिए निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ पत्र

नाम परिवर्तन और पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) हस्तांतरण के लिए HPSEBL द्वारा निर्धारित प्रारूप के अनुसार स्वप्रमाणित घोषणा या शपथ पत्र के pdf फ़ारमैट इस लेख के अंत में दिये गए हैं । आप उनको डाउनलोड कर उपयोग कर सकते हैं ।

मृत्यु के बाद बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क :

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

इस परिस्थिति में जब मृत्यु के बाद बिजली का मीटर कानूनी उत्तराधिकारी के नाम करने के लिए उस बिजली के मीटर की पुराने लोड की जमा ACD को नए उपभोक्ता के नाम पर हस्तांतरित किया जाएगा । साथ में अगर मौजूदा विद्युत लोड पुराने से ज्यादा है तो HPERC (प्रतिभूति जमा) विनियमों के अनुसार अतिरिक्त लोड के लिए अतिरिक्त ACD राशि नए उपभोक्ता द्वारा से ली जाएगी ।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

बिल्डर से खरीदार के नाम पर (फ्लैट योजना) बिजली बिल में नाम बदलना:

अगर आप नया फ्लैट किसी बिल्डर से खरीदते हो और वहाँ बिजली का मीटर बिल्डर के नाम पर लगा हो तो उस बिजली के कनैक्शन को अपने नाम पर करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों और शुल्क चुकाने की आवश्यकता होगी ।

बिल्डर से फ्लैट खरीदने पर बिजली बिल में नाम बदलने के लिए जरूरी दस्तावेज़ :

  1. पंजीकृत विक्रय विलेख (Registered Sale Deed) / परिसंपत्ति विलेख (Conveyance Deed) की प्रमाणित प्रति या पंजीकृत हाउसिंग सोसाइटी के मामले में सोसाइटी का शेयर प्रमाण पत्र (Society’s Share Certificate in case of Registered Housing Society)
  2. वर्तमान बिजली बिल: जिसका हाल में भुगतान किया गया और जिसमें कोई बकाया न हो।
  3. A&A फॉर्म: 50 /- या 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  4. टेस्ट रिपोर्ट : अगर मौजूदा विद्युत लोड पहले किए गए स्वीकृत लोड से अधिक है तो एक लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से परीक्षण रिपोर्ट अथवा टेस्ट रिपोर्ट भी आवश्यक है ।
  5. पहचान प्रमाण: नए आवेदक का वैध पहचान पत्र।
  6. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार
  7. पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) हस्तांतरण: के लिए निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ पत्र

बिल्डर से फ्लैट खरीदने पर बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क :

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

इस परिस्थिति में बिजली के मीटर की पुराने लोड की जमा ACD को नए उपभोक्ता के नाम पर हस्तांतरित किया जाएगा अगर नये उपभोक्ता ने पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) को हस्तांतरण के लिए शपथ पत्र दिया हो । साथ में अगर मौजूदा विद्युत लोड पुराने से ज्यादा है तो HPERC (प्रतिभूति जमा) विनियमों के अनुसार अतिरिक्त लोड के लिए अतिरिक्त ACD राशि नए उपभोक्ता द्वारा से ली जाएगी ।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

संपत्ति विभाजन के कारण बिजली बिल में नाम बदलना:

कई बार ऐसी स्थिति आती है जब पहले परिवार एक साथ रह रहा होता है और बाद में संपत्ति का विभाजन हो जाता है । उस समय जो संपत्ति किसी के हिस्से में आती है जिसमें बिजली का मीटर उसके नाम से लगा हो जिसका हिस्सा अब विभाजन के बाद उस परसिर पर न हो तो भी पुराना बिजली का मीटर नए आवेदक जिसके नाम पर संपत्ति विभाजन के बाद वह हिस्सा आया है ट्रान्सफर हो सकता है उसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों और शुल्क चुकाने की जरूरत पड़ेगी :

  1. दस्तावेज़ जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मीटर उसकी संपत्ति के हिस्से में स्थित है (जैसे कि ततीमा और जमाबंदी)।
  2. वर्तमान बिजली बिल: हाल का भुगतान किया गया बिल जिसमें कोई बकाया न हो
  3. A&A फॉर्म: 50 /- या 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  4. टेस्ट रिपोर्ट : अगर मौजूदा विद्युत लोड पहले किए गए स्वीकृत लोड से अधिक है तो एक लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से परीक्षण रिपोर्ट अथवा टेस्ट रिपोर्ट भी आवश्यक है ।
  5. पहचान प्रमाण: नए आवेदक का वैध पहचान पत्र।
  6. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार
  7. पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) हस्तांतरण: के लिए निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ पत्र

संपत्ति विभाजन के कारण बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क:

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

बिजली के मीटर की पुराने लोड की जमा ACD को नए उपभोक्ता के नाम पर हस्तांतरित किया जाएगा यदि नये उपभोक्ता ने पुरानी ACD (सेक्युर्टी ) को हस्तांतरण के लिए शपथ पत्र दिया हो । साथ में अगर मौजूदा विद्युत लोड पुराने से ज्यादा है तो HPERC (प्रतिभूति जमा) विनियमों के अनुसार अतिरिक्त लोड के लिए अतिरिक्त ACD राशि नए उपभोक्ता द्वारा से ली जाएगी ।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत विद्युत लोड के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

कंपनियों के विलय/समामेलन के कारण बिजली बिल में नाम बदलना:

कई बार ऐसा होता है कि Companies Act,2013 के प्रावधानों के अनुसार कंपनियों का विलय/समामेलन होता है । जैसे कोई दो अलग कंपनियाँ मर्ज हो कर एक नयी कंपनी बनाती है तो उस स्थिति में भी पुराने बिजली के मीटर को नयी आवेदक कंपनी के नाम पर बदला जा सकता है जिसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ और शुल्क भरने कि आवश्यकता होती है ।

  1. कंपनी का पंजीकरण प्रमाणपत्र: रजिस्ट्रार द्वारा जारी या उच्च न्यायालय का आदेश।
  2. संस्था के अंतर्नियम (Article of Association)
  3. हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग से नाम परिवर्तन की स्वीकृति
  4. वर्तमान बिजली बिल: जिसका हाल में भुगतान किया गया और कोई बकाया न हो।
  5. A&A फॉर्म: 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  6. टेस्ट रिपोर्ट : A Class लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार द्वारा
  7. अधिकृत हस्ताक्षरी के लिए बोर्ड का प्रस्ताव (Board resolution for Authorized signatory )
  8. शपथ पत्र: साधारण कागज़ पर, पुराने उपभोक्ता द्वारा किसी भी बकाया राशि के भुगतान की स्वीकृति।
  9. नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा: साधारण कागज़ पर नाम परिवर्तन के लिए
  10. नए आवेदक का पहचान प्रमाण

कंपनियों के विलय/समामेलन के कारण बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क :

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

नकद जमा ACD राशि स्वचालित रूप से नए आवेदक कंपनी के नाम पर हस्तांतरित हो जाएगी । यदि ACD बैंक गारंटी (BG) के रूप में जमा है, तो उसको नए उपभोक्ता के नाम पर बदला जाएगा ।

साथ में अगर मौजूदा विद्युत लोड पुराने से ज्यादा है तो HPERC (प्रतिभूति जमा) विनियमों के अनुसार अतिरिक्त लोड के लिए अतिरिक्त ACD राशि नए उपभोक्ता द्वारा से ली जाएगी ।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत विद्युत लोड के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

संपत्ति के बिक्री या उपहार में प्राप्त करने के बाद बिजली बिल में नाम बदलना:

एक परिस्थिति ऐसी है जिसमें कोई परिसर या संपति को खरीदा या उपहार में प्राप्त किया जाता है उस स्थिति में पुराने मालिक से नए संपति के मालिक को भी बिजली के मीटर या कनैक्शन को बदला जा सकता है । इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों और शुल्क भरने की आवश्यकता होती है ।

  1. रजिस्टर्ड बिक्री विलेख की प्रमाणित प्रति (Certified copy of Sale Deed.)
  2. हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग द्वारा नाम परिवर्तन की स्वीकृति (केवल औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए)।
  3. वर्तमान बिजली बिल (संपूर्ण भुगतान के साथ, कोई बकाया नहीं)
  4. A&A फॉर्म: 50 /- या 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  5. टेस्ट रिपोर्ट : लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से प्राप्त ।
  6. पहचान प्रमाण: नए आवेदक का वैध पहचान पत्र।
  7. शपथ पत्र: साधारण कागज़ पर, पुराने उपभोक्ता द्वारा किसी भी बकाया राशि के भुगतान की स्वीकृति।
  8. अधिकृत हस्ताक्षरी के लिए बोर्ड का प्रस्ताव (Board resolution for Authorized signatory ) सिर्फ कंपनी के मामले में ।
  9. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार

संपत्ति के बिक्री या उपहार में प्राप्त करने के बाद बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क:

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

HPERC सुरक्षा विनियमों के अनुसार, नए उपभोक्ता से लोड के अनुसार पूरी ACD राशि का भुगतान लिया जाएगा , और पुरानी सुरक्षा जमा राशि पिछले उपभोक्ता को वापस कर दी जाएगी।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत विद्युत लोड के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

किरायेदार के नाम पर बिजली बिल में नाम बदलना:

अगर किसी उपभोक्ता ने अपना घर या परिसर किसी और को किराए पर दिया है तो बिजली का मीटर किराएदार के नाम पर ट्रान्सफर भी हो सकता है जिसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों और शुल्क की आवश्यकता होगी :

  1. कानूनी दस्तावेज जो संबन्धित परिसर को किराए पर देने की पुष्टि करता हो ( Rent Deed)
  2. मकान मालिक की एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र): बिजली के मीटर को किराएदार के नाम पर बदलने के लिए
  3. A&A फॉर्म: 50 /- या 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  4. टेस्ट रिपोर्ट : अगर मौजूदा विद्युत लोड पहले किए गए स्वीकृत लोड से अधिक है तो एक लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से परीक्षण रिपोर्ट अथवा टेस्ट रिपोर्ट भी आवश्यक है ।
  5. मकान मालिक का शपथ पत्र: सामान्य कागज पर, जिसमें मालिक द्वारा यह घोषणा शामिल हो कि किरायेदार के किसी भी बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर उसे मकान मालिक वहन करेगा।
  6. पहचान प्रमाण: नए आवेदक का वैध पहचान पत्र।
  7. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार।

किरायेदार के नाम पर बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क:

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

बिजली के मीटर की पुराने लोड की जमा ACD को नए उपभोक्ता के नाम पर हस्तांतरित किया जाएगा यदि पुराने मालिक द्वारा स्वीकृति दी जाती है । अगर स्वीकृति नहीं है तो पुराने मालिक को पुरानी ACD वापिस कर दी जाएगी और नए आवेदक से लोड अथवा कांट्रैक्ट डिमांड के अनुसार पूरी ACD शुल्क लिया जाएगा ।

साथ में अगर मौजूदा विद्युत लोड पुराने से ज्यादा है तो HPERC (प्रतिभूति जमा) विनियमों के अनुसार अतिरिक्त लोड के लिए अतिरिक्त ACD राशि नए उपभोक्ता द्वारा से ली जाएगी ।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत विद्युत लोड के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

सरकारी आवास आवंटन के कारण बिजली बिल में नाम बदलना:

सरकारी विभागों/संगठनों की हाउस अलॉटमेंट कमेटी द्वारा आवासीय आवास आवंटन किए जाते है उस स्थिति में भी बिजली के मीटर को नए आवेदक के नाम पर बदलने के लिए निम्नलिखित दस्तावजों के साथ शुल्क चुकाने की जरूरत होती है ।

  1. संबंधित सरकारी विभाग से आवंटन पत्र।
  2. A&A फॉर्म: 50 /- या 100/- रुपये के स्टाम्प पेपर के साथ पूर्ण रूप से भरा हुआ।
  3. टेस्ट रिपोर्ट : अगर मौजूदा विद्युत लोड पहले किए गए स्वीकृत लोड से अधिक है तो एक लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से परीक्षण रिपोर्ट अथवा टेस्ट रिपोर्ट भी आवश्यक है ।
  4. पहचान प्रमाण: नए आवेदक का वैध पहचान पत्र।
  5. नाम परिवर्तन के लिए नए आवेदक का स्वप्रमाणित घोषणा/हलफ़नामा पत्र (Undertaking) : निर्धारित प्रारूप के अनुसार

सरकारी आवास आवंटन के कारण बिजली बिल में नाम बदलने के लिए लगने वाले शुल्क :

प्रतिभूति या ACD शुल्क :

HPERC प्रतिभूति (ACD) विनियम के अनुसार सुरक्षा जमा राशि नए उपभोक्ता द्वारा जमा की जाएगी। पुराने उपभोक्ता द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि पुराने उपभोक्ता को वापस कर दी जाएगी।

IDC शुल्क :

कोई शुल्क नहीं: यदि टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा लोड पहले से स्वीकृत विद्युत लोड के बराबर है।

आवश्यकता अनुसार IDC शुल्क: यदि उपभोक्ता के परिसर में आवश्यक कुल लोड पहले से स्वीकृत लोड की सीमा से अधिक है तो नाम परिवर्तन के समय लागू दरों के अनुसार IDC शुल्क लिया जाएगा ।

निष्कर्ष :

इस लेख में हमने जाना की हिमाचल विद्युत बोर्ड के नियमानुसार कोन – कोन सी परिस्थिति में किसी विद्युत कनैक्शन को एक व्यक्ति के नाम से दूसरे व्यक्ति के नाम में बदला जा सकता है (बिजली बिल में नाम बदलना )। हमारी हमेशा कोशिश रहती है की सरल भाषा में विद्युत विनयमों और नियमों की व्याख्या की जाए । आपको हमारा यह लेख कैसा लगा कृपा कमेंट कर के जरूर बताएं ।

लेख स्त्रोत : एचपीएसईबीएल के संशोधित 2017 तक के सेल्स मैनुअल अनुदेश संख्या 20

आपको हमारा लेख कैसा लगा? लेख की शुरुआत में स्टार रेटिंग देकर या टिप्पणी करके हमें बताएं, ताकि हम लगातार सुधार कर सकें। हमारी पोस्ट को शेयर करना और विद्युत संबन्धित नियमित अपडेट सबसे पहले पाने के लिए “हिम विद्युत सारथी” को सब्सक्राइब करना न भूलें!

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )

अगर मैं नया मकान खरीदता हूँ तो बिजली के बिल में नाम बदलने के लिए क्या करना होगा?

नए मकान के लिए बिल नाम अपने नाम करवाने के लिए आपको बिक्री विलेख (Sale Deed) की कॉपी, पहचान प्रमाण और लेटेस्ट बिजली बिल जमा करना होगा। इसके अलावा, A&A फॉर्म और टेस्ट रिपोर्ट भी लगती है अगर बिजली का लोड बढ़ाना हो। बस इतना आसान है!

मेरे माता-पिता के नाम पर बिजली का कनेक्शन है और अब उनका देहांत हो गया है। इसे अपने नाम कैसे करवा सकते हैं?

इसके लिए आपको माता-पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र, लीगल हेयर सर्टिफिकेट, एनओसी, और लेटेस्ट बिजली बिल की ज़रूरत होगी। एक छोटा फॉर्म और पहचान प्रमाण लगाकर नाम अपने नाम में बदलवा सकते हैं।

क्या किरायेदार के नाम पर भी बिजली का बिल किया जा सकता है?

हाँ, बिल्कुल! अगर आपने किसी को किराए पर घर दिया है, तो बिजली का बिल किरायेदार के नाम पर किया जा सकता है।

अगर मेरा फ्लैट बिल्डर के नाम पर है तो उसे अपने नाम पर कैसे करें?

बिल्डर के नाम से अपने नाम पर फ्लैट के बिल को बदलने के लिए पंजीकृत विलेख (Sale Deed), A&A फॉर्म और आपकी पहचान का प्रमाण देना होता है। बिजली का कोई पेंडिंग बिल नहीं होना चाहिए!

संपत्ति के विभाजन के बाद बिजली का बिल में नाम कैसे बदलवाया जा सकता है?

संपत्ति विभाजन के बाद आपके हिस्से में आए घर का बिल आपके नाम किया जा सकता है। इसके लिए तातिमा, जमाबंदी, लेटेस्ट बिजली बिल, A&A फॉर्म और पहचान प्रमाण जरूरी होंगे।

क्या कंपनियों के विलय के बाद बिजली का मीटर नई कंपनी के नाम पर किया जा सकता है?

कंपनियों के विलय के बाद पंजीकरण प्रमाणपत्र, उच्च न्यायालय का आदेश, हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग से स्वीकृति, और अन्य दस्तावेज़ों के साथ मीटर नई कंपनी के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment