पिछले लेख में हमने जाना कि बिजली चोरी क्या है और कितने प्रकार की होती है । इस लेख में हम उस विषय के बारे में जानेंगे जिसमें आम लोगों के साथ -साथ कुछ विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारिओ के बीच भी भ्रम की स्थिति रहती है । इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि कानूनी तौर पर किस अधिकारी के पास बिजली की चोरी पकड़ने और बिजली चोरी का जुर्माना लगाने का अधिकार है ताकि इस विषय में सभी के भ्रम दूर हो सकें ।
पिछले लेख में हमने जाना बिजली चोरी को भारतीय विद्युत अधिनियम (Indian Electricity Act 2003/2007) के अनुसार “बिजली का अनधिकृत उपयोग” या “Unauthorized Use of Electricity” के रूप में जाना जाता है और बिजली का अनधिकृत उपयोग को भारतीय विद्युत अधिनियम के अनुसार दो अलग धाराओं (धारा 126 और धारा 135) के अंतर्गत परिभाषित किया गया है ।
भारतीय विद्युत अधिनियम (Indian Electricity Act 2003) के अनुसार बिजली का अनधिकृत उपयोग की धारा 126 के प्रावधानों के कार्यान्वयन करने वाले अधिकारी को “Assessing officers” कहा गया है ।
और बिजली का अनधिकृत उपयोग की धारा 135 के प्रावधानों के कार्यान्वयन करने वाले अधिकारी को “Authorized officer” कहा गया है ।
अब सवाल ये उठता है कि कोन अधिकारी “Assessing officers” या “Authorized officer” कहलाता है ? दोनों ही स्थिति में भारतीय विद्युत अधिनियम (Indian Electricity Act 2003) के अनुसार राज्य/प्रदेश सरकार के पास “Assessing officers” और “Authorized officer” को नामित करने का अधिकार है ।
इसलिए यहाँ हम तथ्यों के आधार पर जानेगें की हिमाचल प्रदेश में विद्युत विभाग के किस अधिकारी को बिजली चोरी के प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए हिमाचल सरकार द्वारा शक्तियाँ प्रदान की गयी हैं ।
संबन्धित लेख
“Assessing officers” (निर्धारण/मूल्यांकन अधिकारी) कोन होता है ?
“Assessing officers” वो अधिकारी होता है जिसके पास बिजली का अनधिकृत उपयोग की धारा 126 के प्रावधानों के कार्यान्वयन (बिजली चोरी पकड़ने व बिजली चोरी का जुर्माना लगाने) की शक्तियाँ होती हैं । हिमाचल प्रदेश ऊर्जा मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक MPP-A(3)-3/2003-II dated 14 June 2014 के अनुसार विद्युत अधिनियम 2003 की उपधारा (6)(ए) के तहत निम्नलिखित विद्युत विभाग के अधिकारियों को “Assessing officers” के रूप में नामित किया गया है:
क्रमांक | उपभोक्ता की श्रेणी (Category) | Assessing Officer |
1 | एल टी उपभोक्ता (LT Consumer ) | सहायक अभियंता /सहायक अधिशाषी अभियंता /अधिशाषी अभियंता/वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता, फ्लाइंग स्क्वाड की इकाई के प्रमुख, केवल उनके द्वारा किए गए निरीक्षण के संदर्भ में । |
2 | एच टी उपभोक्ता (HT Consumer ) | वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता/ वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता फ्लाइंग स्क्वाड की इकाई के प्रमुख के रूप में उनके द्वारा किए गए निरीक्षण के संदर्भ में। |
“Authorized officers”(अधिकृत अधिकारी) कोन होता है ?
“Authorized officer” वो अधिकारी होता है जिसके पास बिजली का अनधिकृत उपयोग की धारा 135 के प्रावधानों के कार्यान्वयन (बिजली चोरी पकड़ने व जुर्माना लगाने) की शक्तियाँ होती हैं । हिमाचल प्रदेश ऊर्जा मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक MPP-A(3)-3/2003-II dated 11 July 2013 के अनुसार विद्युत अधिनियम 2003 की उपधारा 135( 2) के तहत निम्नलिखित विद्युत विभाग के अधिकारियों को “Authorized officer” के रूप में नामित किया गया है
क्रमांक | उपभोक्ता की श्रेणी (Category) | Authorized officer |
(A) | ऑपरेशन विंग | |
(i) | सभी कनेक्शन/ उपभोक्ताओं की श्रेणियाँ जिनका कनेक्टेड लोड (विद्युत भार ) 10 किलोवॉट तक हो । | कनिष्ठ अभियन्ता /अतिरिक्त सहायक अभियन्ता या फिर कोई भी ऑपरेशन विंग का अधिकारी जिसका पद फोरमैन /स्पेशल फोरमैन से कम न हो । |
(ii) | सभी कनेक्शन/ उपभोक्ताओं की श्रेणियाँ जिनका कनेक्टेड लोड 100 किलोवॉट तक हो । । | कोई भी ऑपरेशन विंग का अधिकारी जिसका पद सहायक अभियन्ता/सहायक अधिशाषी अभियंता/वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता से कम न हो । |
(iii) | सभी कनेक्शन/ उपभोक्ताओं की श्रेणियाँ जिनका कनेक्टेड लोड 100 किलोवॉट या उससे अधिक हो | कोई भी ऑपरेशन विंग का अधिकारी जिसका पद वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता/अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता से कम न हो । |
(B) | प्रवर्तन (Enforcement) विंग: | |
सभी उपभोक्ताओं की श्रेणियों के कनेक्शन | कोई भी प्रवर्तन (Enforcement) विंग का अधिकारी जिसका पद सहायक अभियन्ता/ सहायक अधिशाषी अभियंता/वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता से कम न हो । |
निष्कर्ष :
इस लेख में हमने जाना कि विद्युत विभाग के किस अधिकारी के पास बिजली की चोरी पकड़ने या बिजली चोरी का जुर्माना लगाने का अधिकार होता है । हमने यह भी जाना की “Assessing officers” और “Authorized officer” के बीच में मूलत: क्या अन्तर होता है । अगर आपके मन में अभी भी कोई संदेह रह गया हो तो कमेंट कर के बतायें । आपको हमारा यह लेख कैसा लगा जरूर बतायें ।
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FAQs
बिजली चोरी क्या है और इसे क्यों संबोधित करना महत्वपूर्ण है?
बिजली चोरी वह है जब कोई व्यक्ति या संगठन द्वारा बिजली को अनधिकृत रूप से उपयोग किया जाता है । यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बिजली चोरी से समाज और विकास को नुकसान होता है।
बिजली की चोरी पकड़ने और जुर्माना लगाने का अधिकार किसके पास है?
भारतीय विद्युत अधिनियम (Indian Electricity Act 2003) के अनुसार, बिजली की चोरी को पकड़ने और जुर्माना लगाने का अधिकार “Assessing officers” और “Authorized officers” के पास होता है।
विभिन्न राज्यों में असेसिंग अधिकारी और अधिकृत अधिकारी किस प्रकार नियुक्त किए जाते हैं?
राज्य सरकारें अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर असेसिंग अधिकारी और अधिकृत अधिकारी को नामित करती हैं।
बिजली चोरी का मुकाबला करने में असेसिंग अधिकारी और अधिकृत अधिकारी क्या भूमिका निभाते हैं?
असेसिंग अधिकारी धारा 126 के प्रावधानों के कार्यान्वयन करने वाले अधिकारी होते हैं, जबकि अधिकृत अधिकारी धारा 135 के प्रावधानों के कार्यान्वयन करते हैं।
बिजली चोरी धारा 126 के संबंध में विभिन्न उपभोक्ता की श्रेणियाँ क्या हैं?
उपभोक्ताओं को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है – LT उपभोक्ता (LT Consumer) और HT उपभोक्ता (HT Consumer)।
यह एक बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी है जो कि जनता के सा-साथ हमारे कर्मचारियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। आमतौर पर जो नियमावलियां या पुस्तकें (Various Acts and Rules) हैं वह अंग्रेजी भाषा में हैं जिससे कि एक साधारण कर्मचारी को या उस आम आदमी को समझना कठिन होती हैं जिन्हें अंग्रेजी का ज्ञान न हो।
आपने इसे एकदम से सरल करके और आम आदमी की भाषा में समझाने का प्रयास इसमें किया है।
Thanks for sharing this article