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आजादी के दशकों बाद भी करोड़ों घरों में था अंधेरा: जानिए कैसे ‘हर घर बिजली योजना’ ने बदली तस्वीर

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आज के युग में बिना बिजली के क्या जीवन की कल्पना भी संभव है ? आजादी के इतने सालों के बाद भी लाखों परिवार ऐसे हैं जिन्होंने कभी बिजली का बल्ब नहीं देखा है । आज हमारा कोई भी काम बिजली के बिना संभव नहीं है परंतु वास्तविकता यह हैं कि आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है । इसी लिए 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा एक महत्वकांशी योजना जिसका नाम प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना लायी गयी थी जिसको सौभाग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है जिसमें हजारों करोड़ रुपयों के बजट का प्रावधान किया गया था । इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे यह हर घर बिजली योजना क्या है, और क्या सच में यह योजना सफल हो भी रही है ?

har ghar bijli yojna

यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि आजादी के इतने सालों के बाद भी 2017 से पहले करोड़ों ऐसे घर थे जो बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित थे । 1980 तक सिर्फ 26% भारत वर्ष के घरों में बिजली थी 2020 तक 97% घरों में बिजली पहुँच चुकी है जिसमे बहुत बड़ा श्रेय हर घर बिजली योजना को जाता है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को न सिर्फ निशुल्क बिजली के कनैक्शन दिये गए अपितु बिजली वयवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जैसे कि नयी एचटी/एलटी लाइन बिछाने , नये ट्रान्स्फ़ोर्मर लगाने इत्यादि के लिए भी राज्य सरकारों को धन दिया गया । परंतु इस हजारों करोड़ रुपयों की योजना का धरातल पर क्या प्रभाव रहा इसी कि चर्चा हम विस्तार से करेंगे ।

विषय सूची

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना कब और क्यों शुरू की गयी ?

  1. योजना शुरू होने की तारीख: हर घर बिजली योजना 11 अक्तूबर 2017 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी थी ।
  2. मुख्य उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उदेश्य पूरे भारत के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निशुल्क बिजली का कनैक्शन देना है ताकि की भारत का कोई घर बिजली के बिना न रहे । इस योजना का सारा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है ।

प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना योजना के लिए कितना बजट सरकार ने रखा है ?

  1. कुल बजट: केंद्र सरकार द्वारा हर घर बिजली योजना के लिए ₹16,320 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें से ₹12,320 करोड़ की राशि ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (GBS) के रूप में उपलब्ध है।
  2. बिजली कनैक्शन शुल्क: इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त बिजली का कनैक्शन दिया जाता है जबकि अन्य परिवारों से 500 रुपेय का मामूली शुल्क लिया जाता है जो बिजली के बिलों में 10 मासिक किस्तों में समायोजित किया जाता है ।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के कार्यान्वयन की विशेषताएँ:

  1. लाभार्थियों की पहचान: प्रधानमंत्री हर घर बिजली योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान Socio-Economic Caste Census (SECC) 2011 के डेटा अनुसार की जाती है ताकि सबसे अधिक जरूरतमन्द परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंचाया जा सके ।
  2. मोबाइल ऐप का उपयोग : इस योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी व पारदर्शिता लाने के लिए मोबाइल ऐप का प्रयोग किया जाता है ।
  3. रियल टाइम मॉनिटरिंग : हर घर बिजली योजना की प्रगति की निगरानी के लिए वेब आधारित प्लैटफ़ार्म का उपयोग किया जाता है जिससे जबाबदेही एवं पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके ।
  4. सौर समाधान : इस योजना के तहत दूरदराज़ या दुर्गम स्थानों के लिए जहां पहुँचना बहुत कठिन होता है वहाँ सौर फोटोवोल्टिक (SPV) आधारित प्रणालियाँ देने का भी प्रावधान है ताकि कोई भी घर अंधेरे में न रहे ।

प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना की प्रगति और उपलब्धियां :

  1. निशुल्क बिजली कनैक्शन का लक्ष्य: हर घर बिजली योजना के तहत मूलत: दिसम्बर 2018 तक 4 करोड़ परिवारों को मुफ्त बिजली के कनैक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था बाद में इसको मार्च 2019 तक बढ़ा दिया गया था ।
  2. निशुल्क प्रदान किए गए बिजली के कनैक्शन : प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत पूरे भारतवर्ष में मार्च 2019 तक लगभग 2.63 करोड़ बिजली के नए कनैक्शन निशुल्क प्रदान किए गए जो सिर्फ 18 महीनों के रिकॉर्ड समय में दिये गए थे। बाद में सितम्बर 2021 तक इस योजना के तहत प्रदान किए गए बिजली के कनैक्शन की संख्या 2.82 करोड़ पहुँच गयी थी ।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों का विद्युतीकरण: सौभाग्य योजना या हर घर बिजली योजना ग्रामीण क्षेत्रों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण करने के लक्ष्य का एक हिस्सा है जिसमें भारत के किसी भी राज्य के अंतिम छोर तक बिजली पहुंचाई जाए ।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना या सौभाग्य योजना के सामाजिक प्रभाव:

हर घर बिजली योजना जिसे सौभाग्य योजना भी कहा जाता है यह सिर्फ विद्युतीकरण परियोजना नहीं है अपितु इसके व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव हैं :

  1. बेहतर जीवन गुणवत्ता : जिस समय में हम और आप रहते हैं क्या बिना बिजली के जीवन सोचा जा सकता है ? मगर यह भी सत्य है की आजादी के 50 सालों के बाद भी ऐसे बहुत से क्षेत्र थे जहाँ बिजली नहीं पहुंची थी । बिजली की पहुंच से जीवन स्तर में सुधार होता है, जिससे शैक्षिक अवसरों, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  2. पर्यावरणीय लाभ: जहाँ बिजली नहीं पहुँच पायी है वहाँ रोशनी के लिए केरोसिन लैम्प का प्रयोग होता है । इस योजना का उद्देश्य केरोसिन लैम्प को एलईडी बल्ब में बदल कर प्रदूषण कम करना भी है ।
  3. महिलाओं का सशक्तिकरण :बिजली की बेहतर पहुंच से घरेलू कार्यों में आसानी होती है, जिससे विशेष रूप से महिलाओं को लाभ मिलता है और उनका सशक्तिकरण होता है।

चुनौतियाँ:

हर घर बिजली योजना के तहत ऐसे करोड़ों परिवारों तक बिजली पहुंचाई गयी जिनके लिए बिजली का सपना देखना भी दूभर था । परंतु जैसी हमारे देश की भोगोलिक परिस्थितियाँ हैं अभी भी ऐसे लाखों घर हैं जहाँ बिजली के कनैक्शन नहीं है । एक अनुमान के अनुसार 2019 के बाद भी लगभग 1.5 लाख घर बिना बिजली के थे जो यह दर्शाता है पूर्ण विद्युतीकरण प्राप्त करने के लिए अभी चुनौतियाँ बनी हुई है खास कर दूर दराज या दुर्गम स्थानों के लिए ।

अगर अभी भी आपके मन में सौभाग्य योजना के संदर्भ में कोई संशय है तो आपकी सुविधा के लिए आधिकारिक FAQs नीचे पीडीएफ़ में है जिसे आप डाउनलोड भी कर सकते हैं ।

क्रेडिट: www.india.gov.in

निष्कर्ष :

प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) भारत सरकार की एक दूरदर्शी योजना है इसका उद्देश्य देश के हर कोने तक बिजली पहुंचाना है । यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान केन्द्रित कर उनके सार्वभौमिक विद्युतीकरण कर महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन ला रही है । 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति इस योजना के परिवर्तनकारी क्षमता का प्रमाण है । यह सौभाग्य योजना लाखों घरों तक बिजली ला कर न केवल करोड़ों लोगों के जीवन में उजाला ला रही है बल्कि देश के उज्ज्वल भविष्य को भी आगे बढ़ा रही है ।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना क्या है?

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना, जिसे सौभाग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान करना है, ताकि भारत के हर घर में बिजली पहुँच सके।

सौभाग्य योजना कब शुरू की गई थी?

यह योजना 11 अक्तूबर 2017 को शुरू की गई थी।

सौभाग्य योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत के सभी घरों तक बिजली पहुंचाना है, विशेष रूप से उन परिवारों तक, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिजली की सुविधा से वंचित हैं।

सौभाग्य योजना के लिए कितना बजट निर्धारित किया गया है?

केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए ₹16,320 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, जिसमें से ₹12,320 करोड़ की राशि ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (GBS) के रूप में उपलब्ध है।

सौभाग्य योजना के तहत किसे मुफ्त बिजली कनेक्शन मिलता है?

इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाता है, जबकि अन्य परिवारों से 500 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाता है, जिसे 10 मासिक किस्तों में बिजली के बिलों में समायोजित किया जाता है।

लाभार्थियों की पहचान कैसे की जाती है?

लाभार्थियों की पहचान Socio-Economic Caste Census (SECC) 2011 के डेटा के आधार पर की जाती है, ताकि सबसे अधिक जरूरतमंद परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके।

सौभाग्य योजना के तहत कितने घरों को अब तक बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं?

मार्च 2019 तक लगभग 2.63 करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए थे। सितम्बर 2021 तक यह संख्या बढ़कर 2.82 करोड़ हो गई थी।

सौभाग्य योजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव क्या हैं?

योजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार, महिलाओं का सशक्तिकरण, और पर्यावरणीय लाभ शामिल हैं, जैसे कि केरोसिन लैम्प के बजाय एलईडी बल्ब का उपयोग।

सौभाग्य योजना के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?

दूरदराज और दुर्गम स्थानों में बिजली पहुंचाना अभी भी एक चुनौती है। 2019 के बाद भी लगभग 1.5 लाख घर ऐसे थे जिन तक बिजली नहीं पहुँच पाई थी, जो यह दर्शाता है कि पूर्ण विद्युतीकरण के लिए अभी भी प्रयास जारी हैं।

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